फर्नीचर मेकिंग व्यवसाय अब सिर्फ बढ़ई का काम नहीं रह गया, बल्कि इसमें कुशल डिजाइनरों की माँग व्यापक स्तर पर बढ़ी है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले पाँच सालों में बाजार में तकरीबन एक लाख फर्नीचर डिजाइनरों की आवश्यकता होगी। रचनात्मकता और नए डिजाइन के लिए कुशलता के साथ-साथ प्रशिक्षण की भी जरूरत होती है। गौरतलब है कि इस व्यवसाय में धनोपार्जन के साथ-साथ अपनी कलात्मकता को अभिव्यक्त करने का मौका और सृजन की संतुष्टिï का अहसास भी मिलता है। दिनों-दिन बढ़ती माँग और स्वर्णिम भविष्य की कल्पनाओं के कारण फर्नीचर मेंकिंग कॅरियर के रूप में आज युवाओं में काफी लोकप्रिय हो रहा है। किसी प्रतिष्ठिïïत संस्थान से फर्नीचर डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद किसी भी डिजाइनर के साथ काम किया जा सकता है। फर्नीचर मेंकिंग का कोर्स करने के बाद अपना व्यवसाय भी शुरू किया जा सकता है या इस क्षेत्र में काम कर रही प्रतिष्ठिïत कंपनियों से जुडक़र काम कर सकते हैं। भारत में फर्नीचर निर्माण के क्षेत्र में कई विदेशी कंपनियाँ भी कूद चुकी हैं। इस क्षेत्र में कॅरियर की असीम संभावनाओं को देखते हुए अनेक संस्थानों ने फर्नीचर मेंकिंग के कोर्स शुरू किए हैं। आमतौर पर पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास है, पर कुछ संस्थानों में नामांकन के लिए आवेदन करते समय 12वीं पास होना आवश्यक है। फर्नीचर मेंकिंग का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- इंडियन प्लाइवुड इंडस्ट्रीज रिसर्च इंस्टीट्यूट, तुमकुर रोड, बंगलौर, गवर्नमेंट पोलीटेक्निक फॉर वूमन, चंडीगढ़, कलमकारी वोकेशन ओरिएंटेड वूमंस पोलीटेक्निक, गाँधीनगर, गुजरात, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइनिंग, अहमदाबाद, गुजरात।