फार्मा बिजनेस मार्केटिंग क्या है ? यह पाठ्यक्रम कौन कर सकता है तथा इस पाठ्यक्रम को करने के उपरांत रोजगार के क्या अवसर हैं ?

चिकित्सा के क्षेत्र में जिस रफ्तार से विकास हो रहा है, उससे दवाओं का बाजार भी व्यापारिक दृष्टिï से बहुत विस्तृत हुआ है। अगर भारत में दवा व्यापार की बात करें तो यह साल दर साल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आलम यह है कि भारत के दवा व्यापार में आए इस उछाल का लाभ सभी देशी-विदेशी कंपनियाँ उठाने से चूकना नहीं चाहती हैं। दवा कंपनियों की इसी चाह के चलते इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में भारी इजाफा हुआ है। दवा व्यापार के क्षेत्र में मार्केटिंग और मैनेजमेंट के लिए चिकित्सा क्षेत्र के आधारभूत तथ्यों की उम्दा जानकारी होना नितांत आवश्यक है। अर्थात कोई ऐसा व्यक्ति जिसके पास मैनेजमेंट, चिकित्सा और दवा तीनों की पर्याप्त जानकारी हो। पहले कई तकनीकी क्षेत्रों में डॉक्टरों को मैनेजमेंट और मार्केटिंग के काम में लगाया जाता था लेकिन आज हमारे पास ऐसे कार्यों के लिए इतने चिकित्सक नहीं हैं जो इस तरह के कार्यों को अंजाम दें। कुछ समय पहले तक बी.एससी. रसायन या जीवविज्ञान के छात्रों को भी दवाओं की मार्केटिंग के लिए नियुक्त किया जाता था लेकिन लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इस क्षेत्र में विशेषज्ञ व्यक्तियों की माँग बहुत ज्यादा है। इसी बढ़ती माँग को देखते हुए बहुत से विश्वविद्यालयों में फार्मा बिजनेस मैनेजमेंट व फार्मा मार्केटिंग के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फार्मास्युटिकल एंड हेल्थ केयर मार्केटिंग, डिप्लोमा इन फार्मा मार्केटिंग, एडवांस डिप्लोमा इन फार्मा मार्केटिंग एवं पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फार्मा मार्केटिंग के कोर्स किए जा सकते हैं। डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की ïअवधि 6 माह है। इनमें प्रवेश के लिए अनिवार्य योग्यता 12वीं विज्ञान विषय में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम की अवधि एक वर्ष है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु शैक्षणिक योग्यता बीएससी या बी.फार्मा निर्धारित है। बारहवीं विज्ञान से उत्तीर्ण करने के बाद तीन वर्षीय फार्मा बीबीए पाठ्यक्रम भी किया जा सकता है। वर्तमान समय में राष्ट्रीय व बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारत एक उम्दा दवा बाजार के रूप में उपलब्ध है। इन कंपनियों में प्रशिक्षित श्रमशक्ति की भारी माँग है। इस क्षेत्र में एरिया मैनेजर, एचआर मैनेजर, प्रोडक्टर मैनेजर, क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर, ब्राँड मैनेजर या मैनेजमेंट प्रशिक्षु के रूप में कार्य के अवसर उपलब्ध हैं। बीबीए तथा डिप्लोमा कोर्स के बाद मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव, प्रोडक्ट एग्जिक्यूटिव, मेडिकल रिप्रेंजेंटेटिव, बिजनेस एग्जिक्यूटिव के रूप में नियुक्ति होती है। फार्मा बिजनेस मार्केटिंग एंड मैनेजमेंट पाठ्यक्रम इन संस्थानों में उपलब्ध हैं- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, जवाहर नगर, जमशेदपुर। इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, बांद्रा पश्चिम, मुंबई। इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुणे। इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन,मोहाली, चंडीगढ़।

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