बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत किस चीज का अध्ययन किया जाता है? इसमें कॅरियर की क्या संभावनाएँ हैं तथा यह पाठ्यक्रम कहाँ-कहाँ उपलब्ध है ?

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में आपको लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या, लीविंग सिस्टम और मेडिकल केयर से जुड़ी समस्याओं के साथ एडवांस टेक्नोलॉजी को जोडऩा होता है। बायोमेडिकल इंजीनियर्स को क्लिनिकल समस्याओं से जुड़ी प्रगति के लिए टेक्नोलॉजिकल जानकारियों की सहायता से नए-नए तरीकों का प्रयोग करना पड़ता है। इसके बढ़ते प्रयोगों और जरूरतों को देखते हुए दुनियाभर में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कॅरियर के रूप में विशेष ख्याति प्राप्त कर रहा है। बायोमेडिकल इंजीनियर बनने के लिए जो सबसे अहम जरूरी बात है वह यह है कि आपकी जितनी रुचि बायोलॉजी में हो उतनी ही गणित में भी जरूरी है। इसके अलावा बेहतर रीजनिंग स्किल, खोजबीन और क्रिएटिव सोच-विचार की क्षमता, एनालिटिकल और लॉजिकल रीजनिंग स्किल जैसी विशेषताएँ आपको ऊँचाइयों तक पहुँचाने में मददगार साबित होंगी। फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित/बायोलॉजी से बारहवीं के बाद आप बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त कर उजला कॅरियर बना सकते हैं। एक बायोमेडिकल इंजीनियर को किसी भी बड़े अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर, किसी फार्मास्यूटिकल या बायोमेडिकल कंपनी में रिसर्च एंड डेवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग, क्वालिटी कंट्रोल और टेस्टिंग आदि क्षेत्रों में अच्छा रोजगार मिल सकता है। बायोमेडिकल इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम इन संस्थानों में उपलब्ध है- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, जालंधर, मॉडल इंजीनियरिंग कॉलेज, एरनाकुलम, मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, माधव नगर, मणिपाल, महात्मा गाँधी मिशन्स कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मुंबई।

पत्रिका

Books for MPPSC Exam Preparation 2025 | विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
प्रतियोगिता निर्देशिका - जुलाई 2025
Books for MPPSC Exam Preparation 2025 | विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
प्रतियोगिता निर्देशिका जून 2025

ब्लॉग

मार्गदर्शन

सामान्य ज्ञान