मैं अशक्तता पुनर्वास विज्ञान में चमकीला करियर बनाना चाहती हूँ। कृपया इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर, प्रमुख पाठ्यक्रम तथा यह कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थानों की जानकारी प्रदान करें। 

अशक्तता पुनर्वास विज्ञान (डिसेबल्ड रीहेबिलिटेशन साइंस) अशक्त व्यक्तियों को उनकी क्षमताओं के अनुरूप शारीरिक, सामाजिक, मानसिक, भावनात्मक तथा व्यावसायिक उपयोगिता की बहाली के लिए उनके शिक्षण, प्रशिक्षण तथा चिकित्सीय प्रबंधन हेतु वैज्ञानिक उपायों का अध्ययन है। अशक्तता पुनर्वास विज्ञान अशक्त व्यक्तियों को स्वावलंबी, व्यावसायिक रूप से सक्षम तथा सामाजिक रूप से स्वीकार्य बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण और समग्र पुनर्वास कार्यक्रम तैयार करने संबंधी विषय क्षेत्र है ताकि अशक्त व्यक्तियों को जीवन की कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जा सके। गौरतलब है कि पुनर्वास एक लंबी अवधि की बहु विषयक प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत अशक्त व्यक्तियों से लेकर उनके परिवारों तथा समुदाय तक विभिन्न स्तरों पर मध्यस्थता और सेवाओं के प्रावधानों की आवश्यकता होती है। यह कई क्षेत्रों से जुड़ा कार्य है जो सेवाएँ प्रदान करने के लिए समन्वित तरीके से कार्य संचालन में मदद करता है। व्यावसायिक सक्षमता, स्वावलंबन तथा सामाजिक पर्याप्तता अशक्त व्यक्तियों के पुनर्वास का मुख्य उद्देश्य है। अनेक प्रकार की अशक्तताओं से पीडि़त व्यक्तियों के लिए कई तरह के पुनर्वास उपायों की आवश्यकता होती है। जैसे कार्यात्मक स्वतंत्रता तथा मोबिलिटी के लिए सहायता और उपकरण, चिकित्सा सुविधाएँ, चिकित्सकीय व्यायाम, विशेष स्कूलों में शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा रोजगार आदि। अशक्तता पुनर्वास विज्ञान से जुड़े प्रमाण-पत्र, डिप्लोमा, डिग्री, स्नातकोत्तर स्तर तक के पाठ््यक्रम देश के विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध हैं। अशक्तता पुनर्वास विज्ञान से संबंधित जो प्रमुख पाठ्यक्रम विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध हैं, वे इस प्रकार हैं- प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम- क्लीनिकल मनोविज्ञान में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम, प्रोस्थेटिक एंड ऑर्थोटिक में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम आदि। डिप्लोमा पाठ्यक्रम- दृष्टिï विकलांगता में डिप्लोमा, मानसिक विक्षिप्तता में डिप्लोमा, श्रव्य विकलांगता में डिप्लोमा, क्लीनिकल मनोविज्ञान में डिप्लोमा, पुनर्वास थेरेपी में डिप्लोमा, श्रव्य, भाषा तथा स्पीच में डिप्लोमा आदि। डिग्री पाठ्यक्रम- बैचलर ऑफ स्पेशल एजुकेशन, बैचलर ऑफ मेंटल रिटारडेशन, बीएससी इन स्पीच एंड हियरिंग, बैचलर इन ऑडियोलॉजी, स्पीच एंड लैंग्वेज पैथोलॉजी, बैचलर इन फिजियोथेरेपी, बैचलर इन ऑक्यूपेशनल थेरेपी आदि। मास्टर डिग्री पाठ्यक्रम- मास्टर इन ऑडियोलॉजी, स्पीच एंड लेंग्वेज पैथोलॉजी, मास्टर इन फिजियोथेरेपी, मास्टर इन ऑक्यूपेशनल थेरेपी आदि। स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम- क्लीनिकल मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, अशक्तता पुनर्वास में स्नातकोत्तर डिप्लोमा आदि। इन विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु शैक्षणिक योग्यता बारहवीं से स्नातक तक है। अशक्तता पुनर्वास विज्ञान एक नवीन और उभरता हुआ क्षेत्र है। समाजसेवा तथा व्यावसायिक रूप से अत्याधुनिक तरीकों के साथ समाज के लिए कार्य करने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर हैं। इस क्षेत्र में प्रशिक्षित व्यक्ति व्यावसायिक विश्वविद्यालयों या संस्थानों में विभिन्न अकादमिक पदों पर संबद्ध विशेषज्ञता क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकता है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन सात राष्ट्रीय संस्थान हैं जिनमें भी रोजगार के उजले अवसर हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन कई संस्थानों में भी अशक्तता पुनर्वास विज्ञान के जानकारों को रोजगार मिलता है। क्लीनिकल स्तर पर अशक्तता पुनर्वास विज्ञान में शिक्षित युवा अपनी पुनर्वास संबंधी योग्यताओं के अनुरूप पुनर्वास केंद्रों, बाल निर्देशन केंद्रों, जच्चा-बच्चा क्लीनिक आदि में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।अशक्तता पुनर्वास विज्ञान में कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली। पंडित दीनदयाल उपाध्याय शारीरिक विकलांग संस्थान, विष्णु दिगंबर मार्ग, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानसिक विकलांग संस्थान, सिकंदराबाद। स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, ओल्तपुर, कटक। अखिल भारतीय भौतिक चिकित्सा पुनर्वास संस्थान, मुंबई। राष्ट्रीय अस्थि विकलांग संस्थान, कोलकाता। राष्ट्रीय दृष्टिï विकलांग संस्थान, देहरादून।

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