चीन विशाल जनसंख्या के साथ-साथ सामरिक व आर्थिक ताकत के रूप में भी विश्व के सर्वाधिक महत्वपूर्ण राष्ट्रों में से एक है। तमाम चीनी कंपनियाँ भारत के बाजार में पूँजी निवेश कर रही हैं। छोटे-मोटे इलेक्ट्रॉनिक सामान, आम जीवन में उपयोगी विभिन्न तरह की वस्तुएँ, खिलौने आदि से जुड़ी अनगिनत कंपनियों का बाजार यहाँ सर चढक़र बोल रहा है। इन कंपनियों के कर्ताधर्ताओं को बाजार का फायदा उठाने के लिए दोनों जगह दक्ष मैनेजिंग बोर्ड के साथ कम्युनिकेशन के लिए चीनी भाषा में दक्ष लोगों की जरूरत होती है। गौरतलब है कि चीन की अधिकांश जनसंख्या बौद्ध धर्मावलंबी है जिनके कई प्रमुख तीर्थस्थल भारत में ही हैं। इस कारण पर्यटन व्यवसाय में द्विभाषियों के लिए भी पर्याप्त अवसर हैं। मजेदार बात यह है कि चीनी भाषा के जानकार चीन से बाहर बहुत कम संख्या में हैं, जबकि आज चीन के विशाल बाजार और उसकी विकासोन्मुख अर्थव्यवस्था में ऐसे जानकारों के लिए रोजगार की शर्तिया गारंटी है। चीनी भाषा में पारंगत होने के लिए आप सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक या स्नातकोत्तर कोर्स कर सकते हैं। सर्टिफिकेट कोर्स में अमूमन छह महीने व डिप्लोमा कोर्स में एक से लेकर दो वर्ष का समय लगता है। स्नातक व स्नातकोत्तर के डिग्री कोर्स अन्य विषयों के कोर्सों की ही तरह के हैं। सामान्यत: स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए स्नातक स्तर पर 45 प्रतिशत अंक हासिल करना आवश्यक हैं। बाकी पाठ्यक्रमों की न्यूनतम योग्यता 45 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से चीनी भाषा में स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स किया जा सकता है। इसमें प्रवेश अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में चीनी भाषा का दो वर्ष का डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित है। दिल्ली विश्वविद्यालय चीनी भाषा में एकवर्षीय डिप्लोमा व छह माह का सर्टिफिकेट कोर्स कराता है। चीनी भाषा के विविध स्तरीय पाठ्यक्रमों को करने के बाद चीन के दूतावास से संपर्क कर चीनी भाषा में विशिष्टï शिक्षा प्राप्ति के लिए छात्रवृत्ति के आधार पर चीन भी जाया जा सकता है। सामान्यत: यहाँ से प्रतिवर्ष 15-16 छात्रों को छात्रवृत्तियाँ दी जाती हैं। छात्रवृत्ति के संबंध में दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित चीनी दूतावास से संपर्क किया जा सकता है। चीनी भाषा का रोजगारोन्मुखी कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली। मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी। दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, औरंगाबाद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद।