जासूसी का क्षेत्र रोमांचक होने के साथ ही साथ खतरों से भी भरा होता है। यह कार्य इतना सहज व आसान नहीं है, जितना कि दिखाई देता है। कोई भी व्यक्ति सफल डिटेक्टिव तभी बन सकता है जब उसमें जोखिम उठाने का माद्दा हो। वह अपनी पहचान छुपाए रखने में माहिर हो। इसके अलावा वह शीघ्र निर्णय लेने में सक्षम हो, आत्मविश्वास से भरपूर हो, दृढ़ इच्छाशक्ति रखता हो तथा हर चुनौती का सामना करने को तैयार हो। यदि उम्मीदवार की फोरेंसिक विज्ञान की पृष्ठïभूमि हो तो वह उसकी अतिरिक्त योग्यता मानी जाएगी। इस क्षेत्र से संबंधित कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थानों में प्रवेश बारहवीं के उपरांत लिया जा सकता है। देश में डिटेक्टिव की ट्रेनिंग देने वाले सरकारी संस्थानों का अभाव है। डिटेक्टिव से संबंधित पाठ्यक्रम संचालित करने वाले प्रमुख निजी संस्थान इस प्रकार हैं- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रायवेट इन्वेस्टीगेशन, एस-2, पैराडाइज प्लाजा, अलकनंदा कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली। बॉम्बे इंटेलीजेंस सिक्योरिटी इंडिया लिमिटेड, 101 ओमेगा हाउस, हीरानंदानी गार्डन, पवई, मुंबई। केनेडियन एकेडमी ऑफ प्रायवेट इन्वेस्टीगेशन, नई दिल्ली। इंडियन काउंसिल ऑफ कार्पोरेट इन्वेस्टीगेटर, नई दिल्ली।