लोगों के घूमने-फिरने के बढ़ते शौक ने पर्यटन उद्योग को विस्तृत आकाश दे दिया है। यही कारण है कि टूरिस्ट गाइड के रूप में युवाओं के सामने कॅरियर का अच्छा विकल्प मौजूद है। किसी भी देश की सामाजिक, सांस्कृतिक परम्पराओं से पर्यटकों को अवगत कराने में टूरिस्ट गाइड की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। यही वो कारण है जिसके चलते आज टूरिस्ट गाइड एक आकर्षक कॅरियर विकल्प के तौर पर अपनी जगह बना चुका है। किसी भी योग्य गाइड को संबंधित देश, राज्य या क्षेत्र की भौगोलिक जानकारी के साथ-साथ सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यटन संबंधी जानकारी होना बहुत जरूरी है। हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ गाइड के लिए संबंधित क्षेत्र की भाषा में भी दक्षता जरूरी है। इसके अलावा विदेशी भाषाओं जैसे- फ्रेंच, इटेलियन, जापानी आदि पर भी अच्छी पकड़ हो तो कहना ही क्या। विभिन्न भाषाओं के माहिर युवाओं को पर्यटन स्थलों के गाइड के रूप में आकर्षक वेतन पर रोजगार मिलने में बहुत आसानी होती है। एक टूरिस्ट गाइड के रूप में कोई भी व्यक्ति किसी टै्रवल एजेंसी या बड़े-बड़े होटलों के साथ जुड सकता है। इसके अलावा वह स्वतंत्र रूप से भी टूरिस्ट गाइड का काम कर सकता है। लेकिन इसके लिए उसे भारतीय पर्यटन और ट्रैवल विभाग से टूरिस्ट गाइड का लाइसेंस प्राप्त करना होता है। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए भारतीय पर्यटन और ट्रैवल विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा को पास करना जरूरी है। टूरिस्ट गाइड का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान हैं- भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, न्यू महरौली रोड, नई दिल्ली। दिल्ली पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली।