फैशन इंडस्ट्री में आए जबरदस्त उछाल के चलते विश्व बाजार में भारतीय कपड़ों व डिजाइन की माँग ने टेक्सटाइल डिजाइनर के महत्व को खासा बल प्रदान किया है। आज क्या आम और क्या खास, सभी की पसंद डिजाइनर कपड़े हैं। फैशन के प्रति लोगों की इसी सोच के चलते टेक्सटाइल डिजाइनिंग व्यावसायिक दृष्टिकोण से बेहद उम्दा कॅरियर विकल्प बनकर उभरा है। आज टेक्सटाइल डिजाइनिंग एक तकनीकी विषय बन गया है तथा इसमें विविधताओं की भरमार है। टेक्सटाइल डिजाइनर को रंगों की समझ होनी चाहिए। इसके अलावा चित्रांकन तथा रचनात्मक कौशल का होना भी जरूरी है। इस क्षेत्र में लंबे समय तक काम करने की आवश्यकता होती है, इसलिए परिश्रमी होना भी अत्यंत आवश्यक है। डिजाइनर में फैशन की नॉलेज होना और उपभोक्ता की जरूरत के विषय में भी पूर्वज्ञान होना चाहिए। इस समय विभिन्न संस्थानों में टेक्सटाइल डिजाइनिंग के विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है । पॉलीटेक्निक पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु गणित विषय के साथ दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। टेक्सटाइल ब्राँच में डिग्री कोर्स करने वाले तथा बीएससी गृह विज्ञान करने वाले उम्मीदवारों को एम.एससी. टेक्सटाइल डिजाइनिंग में प्रवेश लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के बाद दिया जाता है। टेक्सटाइल डिजाइनर के तौर पर काम शुरू करने के बाद होने वाली आमदनी की बात करें तो यह आपकी क्षमता और आपके काम पर निर्भर करती है। शुुरुआती दौर में जब आप अपनी पहचान कायम करने की कोशिश में जुटे होते हैं, उस दौरान आप किसी एक्सपोर्ट हाउस या गारमेंट मेन्युफेक्चरिंग कंपनी में नौकरी कर 10 से 15 हजार रुपए प्रतिमाह कमा सकते हैं । बाद में अनुभव एवं नाम होने पर अपना व्यक्तिगत व्यवसाय शुरू कर लाखों कमा सकते हैं। टेक्सटाइल डिजाइनिंग का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पालदी, अहमदाबाद । नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी हौजखास, नई दिल्ली। एकेडमी ऑफ फैशन स्टडीज, अलकनंदा, नई दिल्ली। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन, नई दिल्ली। वैष्णव पोलिटेक्निक कॉलेज, इंदौर।