फर्नीचर घर की आंतरिक साज-सज्जा के साथ-साथ एक जनोपयोगी वस्तु भी है। जिसकी आवश्यकता हर वर्ग के लोगों को होती है। फैशन के बदलते दौर में नित नए-नए प्रकार के फर्नीचर बाजार में पेश हो रहे हैं। इसी श्रृंखला में आते हैं बाँस के फर्नीचर तथा बाँस की अन्य कलात्मक वस्तुएँ। वैसे बाँस कोई नई चीज नहीं है अपितु इसका उपयोग नए तरीकों से किया जाना नई बात है। बाँस का उपयोग वर्षों से कागज बनाने में किया जाता रहा है। परन्तु अब बाँस का उपयोग फर्नीचर तथा विभिन्न प्रकार की कलात्मक वस्तुओं के निर्माण में किया जाने लगा है। बाँस से सोफा सेट, डायनिंग सेट, गार्डन चेयर सेट, बेबी चेयर, कार्नर रेक्स, दीवान आदि के अतिरिक्त टेबल लेम्प, वाल हेंगिंग, बॉस्केट,स्टूल, फाइल ट्रे, फ्लावर पॉट, लेटर बॉक्स आदि बनाए जा सकते हैं। बाँस का फर्नीचर एवं अन्य कलात्मक वस्तुएँ चंूकि सस्ते, सुन्दर व टिकाऊ उत्पाद हैं, साथ ही विशेष आकर्षण वाले होते हैं अत: उपयोग की वस्तु होने के साथ-साथ बैठक हो या बगीचा डायनिंग हो या बेडरूम सभी जगह की सुन्दरता बढ़ाने में इनका अपना अलग महत्व है। आज महंगाई के युग में प्रत्येक व्यक्ति कुछ सस्ता नया तथा अनोखा उत्पाद खरीदना चाहता है और ये सभी इच्छाएँ पूरी करते हैं बाँस से बने फर्नीचर तथा कलात्मक उत्पाद। उपभोक्तओं में इनकी अच्छी खासी माँग है। यदि इन उत्पादों को खुले बाजार में बेचा जाए तो भी 50 प्रतिशत से 100 प्रतिशत मुनाफा कमाया जा सकता है। क्योंकि महानगरों में स्थित एम्पोरियम में इनकी बिक्री लगभग तीन गुने दामों पर होती है। इस तरह सस्ते सुन्दर व आकर्षक व उपयोगी उत्पाद होने के कारण विपणन की संभावना प्रबल है। बाँस के फर्नीचर तथा बाँस की कलात्मक वस्तुएँ बनाने के लिए सर्वप्रथम ताजे बाँस को छील लेते हैं और थोड़ी धूप देते हैं फिर आवश्यकतानुसार विभिन्न साइजों में काट लेते हैं और कीलों व प्लास्टिक की रस्सी- केन के सहयोग से आवश्यकतानुसार मोडक़र विभिन्न उत्पाद तैयार किए जाते हैं। चूंकि बाँस की वस्तुएँ बनाना एक हस्तकला है अत: मात्र कुछ औजारों के सहयोग से बाँस को कई सुन्दर रूपों में ढाला जाता है। बाँस के उत्पाद तैयार करके फिर धूप में सुखाया जाता है तदुपरांत इनसेक्टीसाइड का छिडक़ाव करके इच्छानुसार रंग कर दिया जाता है। इसके बाद विक्रय हेतु बाजार में भेज दिया जाता है। बाँस के विभिन्न उत्पाद बनाने के लिए वन विभाग तथा बाँस-बल्ली के स्थानीय प्रदायकर्ताओं से कच्चा माल प्राप्त किया जा सकता है । इस इकाई की स्थापना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड से संपर्क करें।