देश में बेकरी उत्पादों का प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। एक सर्वे के अनुसार भारत में बेकरी उत्पादों का प्रयोग पिछले दस सालों से लगभग तीस गुना बढ़ा है। वर्ष 2018 में भारत में प्रतिव्यक्ति बेकरी उत्पादों की खपत 1.8 किग्रा आकलित गई है। उल्लेखनीय है कि आज जहाँ केडबरी, पारले, ब्रिटानिया, प्रिया गोल्ड जैसी बड़ी कंपनियाँ मार्केट में मौजूद हैं, वहीं अनेक छोटी-छोटी कंपनियों का भी कम टर्नओवर नहीं है। बेकरी उत्पाद अर्थात बिस्किट, ब्रेड, केक आदि बनाने के कार्य के लिए प्रशिक्षित होना आवश्यक है। इस क्षेत्र को स्वरोजगार के रूप में चुनने के लिए जरूरी है कि आप किसी अच्छे इंस्टिट्यूट से बेकरी उत्पादों के निर्माण एवं विपणन का प्रशिक्षण ले लें। बेकरी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आप फूड एंड प्रोडक्शन में डिप्लोमा या डिग्री कोर्स कर सकते हैं। आप चाहें तो किसी बेकरी कम्पनी से भी काम सीखकर अपना काम शुरू कर सकते हैं। बेकरी का काम शुरू करने से पहले आपको सरकार द्वारा एक स्वीकृति पत्र लेना होगा, जो कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दिया जाता है। इसके बाद ही आप इस क्षेत्र में उतर सकते हैं। बेकरी उत्पादों के निर्माण का काम यदि छोटे स्तर पर किया जाए तो कम से कम 3 से 4 लाख रुपये की आवश्यकता पड़ेगी। बड़े स्तर पर काम शुरू करने के लिए ज्यादा पूँजी की आवश्यकता होगी। छोटी कंपनियाँ अधिकतर कच्ची भट्टी में ब्रेड आदि सिकाई करवाती हैं। बड़ी कम्पनियों में आजकल अधिकतर काम मशीनों से होता है। इस काम में कटर, रैक अवन, स्विंग ट्रे अवेन आदि मशीनों की आवश्यकता पड़ती है। इस काम को छोटे स्तर पर शुरू करने के लिए कम-से-कम सौ गज जगह आवश्यक होगी। आजकल प्रतिस्पर्धा का दौर है, अत: आपको मार्केट में अपनी जगह बनाने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ेगी। यकीनन इस क्षेत्र का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। आप 3 से 4 लाख रुपये लगाकर लगभग तीस-चालीस हजार रुपए प्रतिमाह तक कमा सकते हैं। फूड एंड प्रोडक्शन में डिप्लोमा या डिग्री कोर्स के लिए कम से कम बायोलॉजी विषय के साथ बारहवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। कुछ इंस्टिट्यूट दसवीं के बाद भी बेकरी संबंधी डिप्लोमा कोर्स कराते हैं। किसी बेकरी कंपनी में काम सीखने के लिए योग्यता की कोई बाध्यता नहीं होती है। बेकरी उत्पादों के निर्माण एवं विपणन संबंधी कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान हैं-इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कुलिनार्ज आर्ट, हौज खास, दिल्ली तथा एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, एमिटी यूनिवर्सिटी कैम्पस, नोएडा।