चमड़ा उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 70 करोड़ डॉलर का योगदान करने के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहा है। यूरोप के वैश्विक ब्रांड अपनी 15 फीसदी खरीदारी भारत से ही करते हैं। इसके अलावा भारत चमड़े के वस्त्र और जूते-चप्पल का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। लेदर टेक्नोलॉजी एक ऐसी पद्धति है जिसके अंतर्गत लेदर से जीवन में उपयोग किए जाने वाली प्रमुख वस्तुओं जैसे पर्स, बेल्ट, कोट, जेकेट, जूते-चप्पल, सजावटी सामान आदि का निर्माण किया जाता है। लेदर टेक्नोलॉजी का कोर्स करने के उपरांत छात्रों के पास दो तरह के विकल्प होते हैं। वे या तो सेवा क्षेत्र में जा सकते हैं या अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं। पैसे की दृष्टिï से भी यह क्षेत्र काफी आकर्षक है। देश-विदेश में बढ़ती माँग और इसके विपरीत सप्लाई कम होने से लेदर इंडस्ट्री में संभावनाएँ काफी बढ़ गई हैं। इसके अंतर्गत कई तरह के रोजगार उपलब्ध हैं। जैसे डिजाइनर, प्रोडक्शन को-ऑर्डिनेटर, क्वालिटी कंट्रोलर, पैकिंग एक्सपर्ट, स्टोर इंचार्ज आदि। लेदर टेक्नोलॉजी में दो तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। बारहवीं (गणित समूह से) उत्तीर्ण छात्र डिग्री पाठ्यक्रम जो कि 4 वर्षीय पाठ्यक्रम है, में दाखिला ले सकते हैं या 1 से 3 वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम कर सकते हैं। यह पाठ्यक्रम इन संस्थानों में उपलब्ध है- सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट इंडस्ट्रियल एरिया, सिकंदरा, आगरा, उत्तरप्रदेश-02। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, हौजखास, नई दिल्ली-16। एवीआई स्कूल ऑफ फैशन एंड शू टेक्नोलॉजी, प्रथम तल, सेक्टर 35, चंडीगढ़। फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, सेक्टर -24, नोएड़ा।