समाज की तस्वीर बदल रही है और इस बदलते समय में महिलाओं ने भी खूब तरक्की की है। इसी बदलते समय का कोर्स है, वुमेन स्टडीज । भारत के लगभग 35 विश्वविद्यालयों में वुमेन स्टडीज एक अलग विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। जहाँ से आप सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स, बैचलर डिग्री, मास्टर डिग्री, पीएचडी या रिसर्च कर सकती हैं। कुछ विश्वविद्यालय इसके लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं तो कुछ में सीधे प्रवेश मिल जाता है। मास्टर डिग्री या पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए आपके पास किसी भी विषय में बैचलर डिग्री का होना जरूरी है। पीएचडी के लिए मास्टर डिग्री में वूमेन स्टडीज में स्पेशलाइजेशन का होना बहुत जरूरी है। वूमेन स्टडीज कोर्स करने के बाद सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के ढेरों रास्ते खुल जाते हैं। विभिन्न एनजीओ, मानवाधिकार से संबंधित विभिन्न संस्थानों या राष्ट्रीय महिला कोष आदि में कार्यकर्ता या सदस्य के रूप में अपना कौशल दिखा सकती हैं। इसके अलावा पब्लिक पॉलिसी, पब्लिक रिलेशन, काउंसलिंग व सोशल सर्विसेज, वूमेन शेल्टर, हेल्थ सेंटर, वूमेन राइट्स आदि के क्षेत्र में भी अपना भविष्य संवार सकती हैं। यही नहीं, मीडिया, टीचिंग व रिसर्च के रास्ते भी आपके लिए खुले हुए हैं। वूमेन स्टडीज का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- रिसर्च सेंटर फॉर वूमेन स्टडीज, एसएनडीटी वूमेंस यूनीवर्सिटी, सर विट्ठलदास विद्या विहार, जूह कैम्पस, मुंबई। सेंटर फॉर वूमेन स्टडीज एंड डेवलपमेंट, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी। इंदिरा गाँधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली। वूमेंस स्टडीज रिसर्च सेंटर, कुरुक्षेत्र यूनीवर्सिटी, कुरुक्षेत्र।