मैं हर्बल शैम्पू बनाने की स्वरोजगार इकाई प्रारंभ करना चाहता हूँ। इसके लिए मुझे क्या करना होगा ?

वर्तमान समय में हर्बल शैम्पू का निर्माण एक लाभप्रद व्यवसाय बन गया है। हर्बल शैम्पू निर्माण इकाई में लगभग 30 हजार रुपए की मशीनरी की आवश्यकता पड़ती है। इसमें ग्राइंडर अथवा डी.पी. पल्वराइजर (दो हॉर्स पॉवर मोटर सहित) मिक्सर, तुला तथा प्लास्टिक बैग सीलिंग मशीन तथा पैंकिंग हेतु डिब्बे प्रमुख होते हैं। कच्चे माल र्में त्रिफला, रीठा, शिकाकाई, नीम की छाल, सुगंधित द्रव (आँवला या ब्राह्मी) फोमिंग एजेंट तथा मुल्तानी मिट्टी प्रमुख हैं। एक लाख रुपए की लागत क्षमता वाली हर्बल शैम्पू निर्माण इकाई हेतु हितग्राही 5 प्रतिशत की मार्जिन मनी लगाकर 95 हजार रुपए प्रधानमंत्री रोजगार योजनांतर्गत प्राप्त कर सकता है। इस इकाई हेतु प्रशिक्षण एवं स्थापना से संबंधित विस्तृत जानकारी अपने जिले में स्थित जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र से प्राप्त की जा सकती है। सुरक्षा प्रबंधन क्या है ? इस क्षेत्र में कॅरियर के क्या अवसर हैं? -मयंक जैन, खंडवा, कुलदीप सारस्वत, भोपाल, हमेंद्र चावड़ा, शिवपुरी आर्थिक परिवेश में आए तेज बदलाव के बाद से तमाम सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में निजी सुरक्षा व्यवस्था को विशेष महत्व दिया जाने लगा है। कॉर्पोरेट, मीडिया, बैंक, इंडस्ट्रीज, बड़े-बड़े संगठनों आदि में आधुनिक तकनीक के विशेषज्ञ सुरक्षाकर्मियों की माँग की जाने लगी है। इसी कारण से आज सुरक्षा क्षेत्र में विशेषज्ञ पाठ्यक्रम अस्तित्व में आ रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के वर्तमान दौर में सुरक्षा के लिए वीडियो कैमरा, एक्स-रे स्कैनर, बोर्ड रूम सहित नए-नए उपकरणों के आ जाने से इनके संचालन के लिए प्रशिक्षित लोगों की जरूरत लगातार बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र के प्रशिक्षित छात्रों को उद्योग जगत से लेकर छोटे-बड़े संगठनों में सुरक्षाकर्मियों के सुपरवाइजर या सिक्योरिटी ऑफिसर के पद संबंधी रोजगार बेहद आसानी से मिल जाते हैं। केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएँ भी इस क्षेत्र में भविष्य बना सकती हैं। सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में स्वरोजगार की भी उम्दा संभावनाएँ विद्यमान हैं। आप विभिन्न संगठनों को सुरक्षा सेवाएँ मुहैया कराने के लिए सिक्योरिटी एजेंसी भी खोल सकते हैं। सुरक्षा प्रबंधन के पाठ्यक्रम पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिक्योरिटी मैनेजमेंट के लिए आवेदक का किसी भी विषय में स्नातक या बारहवीं के बाद तीन वर्ष किसी इंडस्ट्री में काम करने का अनुभव होना अनिवार्य है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए इच्छुक अभ्यर्थी का शारीरिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है। खिलाडिय़ों व एनसीसी प्रमाणपत्र धारकों को इस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु विशेष प्राथमिकता दी जाती है। यह एकवर्षीय पाठ्यक्रम है, जिसमें सुरक्षा क्षेत्र से जुड़ी तमाम बारीकियों से प्रशिक्षुओं को अवगत कराया जाता है। सुरक्षा प्रबंधन के पाठ्यक्रम के तहत मैनेजमेंट एवं ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर, फिजिकल फिटनेस थ्योरी एंड प्रैक्टिस, लेबर लॉ एंड इंडस्ट्रियल रिलेशन, फिजिकल सिक्योरिटी मैनेजमेंट, विजिलेंस एंड इन्वेस्टिगेशन, फिजिकल फिटनेस-एप्लीकेशन, फस्र्ट एड रेस्क्यू ऑपरेशन आदि विषयों की गहन जानकारी दी जाती है। पाठ्यक्रम के दौरान ही चार सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए संबंधित इंडस्ट्रीज और संगठनों में छात्रों को भेजा जाता है, जहाँ सुरक्षा से जुड़ी व्यावहारिक बातों से परिचित कराया जाता है। इस क्षेत्र में प्रशिक्षण देने वाला संस्थान है-वाईएमसीए इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, कल्चरल सेंटर, जयसिंह रोड, नई दिल्ली।

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