रेलवे में ड्राइवर की नौकरी करना चाहता हूँ। कृपया जानकारी देने का कष्ट करें।

भारतीय रेलवे में ट्रेन ड्राइवर को ‘लोको पायलट’ कहा जाता है। भारतीय रेल सीधे तौर पर ‘लोको पायलट’ की नियुक्तियाँ नहीं करती, बल्कि इससे पहले नई नियुक्तियाँ असिस्टेंट ‘लोको पायलट’ या सहायक ट्रेन ड्राइवर के तौर पर की जाती है, जो प्रारंभ में अनुभवी ‘लोको पायलट’ के सहायक के तौर पर काम करते हैं। लगभग 10 से 12 वर्ष के अनुभव और योग्यता को देखते हुए भारतीय रेल उनको ‘लोको पायलट’ के रूप में प्रमोशन देती है। असिस्टेट लोको पायलट की नियुक्त देशभर के विभिन्न आरआरबी यानी रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा के आधार पर की जाती है। उक्त परीक्षा में सामान्य अंग्रेजी, सामान्य गणित, सामान्य ज्ञान, रीजनिंग, सामान्य तकनीकी विषय, कंप्यूटिंग आदि से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्न इस प्रकार से डिजाइन किए जाते हैं कि किसी विशेष परिस्थिति में आपके निर्णय लेने की क्षमता का आकलन किया जा सके। शैक्षणिक योग्यता के तौर पर आवश्यक है कि आप मैट्रिक के बाद इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा कर लें। ध्यान रहे कि उक्त डिप्लोमा कोर्स एआईसीटीई यानी ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त हो। इसके साथ ही व्हीकल, वायरमैन, आर्मेचर या मैकेनिकल विषयों के साथ आईटीआई कोर्स भी कर सकते हैं। यहाँ भी ध्यान रखें कि आपका कोर्स एनसीवीटी यानी नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग से मान्यता प्राप्त हो। आपकी आयु 18 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

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