भूकंप तथा धरती की सतह के नीचे की हलचलों का अध्ययन ही सिस्मोलॉजी कहलाता है । भूकंप विज्ञानी विभिन्न प्रकार की भूगर्भीय हलचलों व तरंगों को सिस्मोग्राफ उपकरण पर दर्ज करता है । यही प्रक्रिया सिस्मोग्राफी कहलाती है और इस कार्य को अंजाम देने वाले को सिस्मोग्राफर कहते हैं । भू-विज्ञान, भू भौतिकी या व्यवहारिक गणित में स्नातक के बाद सिस्मोलॉजी के परास्नातक अथवा पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया जा सकता है । अध्यापन, तेल खोज व भूगर्भ से जुड़ी कंपनियों, माइन्स और भूकम्परोधी निर्माण कार्यों में संलग्न कंपनियों में पाठ्यक्रम की समाप्ति के बाद नौकरी हासिल की जा सकती है । सिस्मोग्राफी के क्षेत्र में शिक्षा देने वाले प्रमुख संस्थानों में भू-भौतिकीय विभाग बीएचयू, वाराणसी, भूकंप इंजीनियरिंग विभाग आईआईटी, रूड़की, आईआईटी खड़गपुर, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, 33 जनरल महादेव रिंग रोड, देहरादून शामिल हैं ।