भारत-चीन में कूटनीतिक वार्ता, सीमा पार सहयोग की शीघ्र बहाली पर रही केंद्रित


भारत और चीन ने 25 मार्च को बीजिंग में नये दौर की कूटनीतिक वार्ता की जो प्रभावी सीमा प्रबंधन सुनिश्चित करने तथा सीमा पार नदियों और कैलाश-मानसरोवर यात्रा समेत सीमा पार सहयोग एवं आदान-प्रदान को शीघ्र बहाल करने पर केंद्रित रही।

परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के ढांचे के तहत बीजिंग में हुई इस बातचीत में दोनों पक्षों ने विभिन्न उपायों एवं प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया ताकि दिसंबर में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच विशेष प्रतिनिधि वार्ता में लिये गये निर्णयों को प्रभाव में लाया जा सके।

विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और चीन सीमा मुद्दे पर अपने विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की अगली बैठक के सिलसिले में ‘‘पर्याप्त तैयारी’’ करने के वास्ते मिलकर काम करने पर मंगलवार को सहमत हुए। बैठक इस साल के अंत में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित करने की तैयारी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूएमसीसी की बैठक ‘‘सकारात्मक और रचनात्मक माहौल’’ में हुई और दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति की ‘‘व्यापक’’ समीक्षा की।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि समग्र द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू विकास के लिए सीमा पर शांति और स्थिरता जरूरी है।

समझा जाता है कि दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी की समग्र स्थिति पर विचार-विमर्श किया। इस समय क्षेत्र में एलएसी पर दोनों पक्षों के करीब 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।

दिसंबर में डोभाल बीजिंग गए थे और सीमा मुद्दे पर एसआर वार्ता के ढांचे के तहत विदेश मंत्री वांग के साथ बातचीत की। एसआर तंत्र और ऐसे अन्य संवाद प्रारूपों को पुनर्जीवित करने का निर्णय 23 अक्टूबर को कज़ान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक में लिया गया था।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूएमसीसी वार्ता में दोनों पक्षों ने इस वर्ष के अंत में भारत में होने वाली अगली विशेष प्रतिनिधि बैठक के लिए ‘पर्याप्त तैयारी करने के लिए मिलकर काम करने’ पर सहमति व्यक्त की।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने सीमा-पार सहयोग और आदान-प्रदान को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने पर भी विचार-विमर्श किया, जिसमें सीमा पार की नदियां और कैलाश-मानसरोवर यात्रा शामिल है।’’

वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने किया। चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागरीय मामलों के विभाग के महानिदेशक हांग लियांग ने किया।

डब्ल्यूएमसीसी की बैठक विदेश सचिव विक्रम मिस्री की दो दिवसीय बीजिंग यात्रा और अपने चीनी समकक्ष के साथ वार्ता के दो महीने बाद हुई है।




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