यकीनन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किया गया वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट आम आदमी की खुशहाली और देश के तेजी से विकास के दावों, वादों, इरांदों और वित्तीय अनुशासन का आदर्श गुलदस्ता है। इस बजट में गरीबों, किसानों, महिलाओं, युवाओं, ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए जो अहम घोषणाएं की गई हैं, उनसे विकास और आर्थिक कल्याण का नया अध्याय लिखा जा सकेगा। साथ ही यह अंतरिम बजट विकास का ऐसा रोडमैप भी है, जिससे अगले तीन वर्षों में देश पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनकर दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक दुनिया का विकसित देश बनने की डगर पर आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे सकेगा।
यदि हम वित्तमंत्री सीतारमण के द्वारा अंतरिम बजट में प्रस्तुत किए गए वर्ष 2023-24 के आय-व्यय से संशोधित अनुमान की स्थिति देखें तो पाते हैं कि उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ रुपए है जिसमें से कर प्राप्ति 23.24 लाख करोड़ रुपए है। कुल व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपए है। 30.03 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति बजट अनुमान से अधिक रहने की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था में मजबूत विकास दर और इसके औपचारीकरण को दर्शाता है। इसी तरह वर्ष 2024-25 के बजट के तहत उधारी से इतर कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमश: 30.80 लाख करोड़ रुपए और 47.66 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
निसंदेह देश की आजादी के बाद से अब तक जितने अंतरिम बजट आए हैं, उन सभी बजटों में वित्तीय अनुशासन के मद्देनजर वित्तमंत्री सीतारमण का यह बजट चमकता हुआ दिखाई दे रहा है। खासतौर वर्ष 2000 के बाद प्रस्तुत हुए तीन अंतरिम बजटों में लोक लुभावन घोषणाएँ की गई थी और कर उपायों की अनदेखी की गई थी। साथ ही पिछले लोकसभा चुनाव के पहले कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल के वर्ष 2019-2020 के अंतरिम बजट में किसान सम्मान निधि व आयकर राहत देने जैसे जरूरी प्रावधान शामिल किए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के पूर्व प्रस्तुत किए गए इस अंतरिम बजट में वित्तमंत्री सीतारमण ने वैसी छोटी-बड़ी लोक लुभावन योजनाओं और रियायतों के कोई तोहफे नहीं दिए हैं। सीतारमण ने कहा कि मोटे तौर पर अंतरिम बजट लेखानुदान की तरह ही है। अंतरिम बजट में नई सरकार बनने तक की व्यय जरूरतों को पूरा करने का उद्देश्य ही प्रमुख है। पूर्ण बजट जुलाई 2024 में संभावित है जो कि विकसित भारत का रोडमैप होगा।
निसंदेह अंतरिम बजट 2024-25 की तस्वीर में यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीबों, किसानों, महिलाओं, युवाओ, ग्रामीण विकास बुनियादी ढांचा विकास के सशक्तिकरण और प्रगति के अध्याय को आगे बढ़ाया है। कहा गया है कि कोविड संबंधी चुनौतियों के बावजूद पीएम-आवास योजना (ग्रामीण) के तहत तीन करोड़ मकानों का लक्ष्य जल्द ही हासिल किया जाएगा। अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त मकानों का लक्ष्य लिया जाएगा। छत पर सौर प्रणाली लगाने से 1 करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली प्राप्त कर सकेंगे। इससे हरेक परिवार को सालाना 15,000 से 18,000 रुपए की बचत होने का अनुमान है। आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा में सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी शामिल किया जाएगा। रक्षा उद्देश्यों के लिए डीप-टेक प्रौद्योगिकी को मजबूती देने और आत्मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। बुनियादी ढांचा के विकास और रोजगार सृजन के लिए पूंजीगत व्यय के परिव्यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपए किया जा रहा है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत होगी। लॉजिस्टिक्स कुशलता को बेहतर करने और लागत घटाने के लिए पीएम गतिशक्ति के तहत तीन प्रमुख आर्थिक गलियारा कार्यक्रमों की पहचान की गई है। ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा पत्तन संपर्कता गलियारा, अधिक यातायात वाला गलियारा, 40,000 सामान्य रेल डिब्बों को ‘वंदे भारत’ मानकों के अनुरूप बदला जाएगा। वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और तरलीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी। परिवहन के लिए कम्प्रस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और घरेलू प्रयोजनों के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के चरणबद्ध अधिदेशात्मक मिश्रण को अनिवार्य किया जाएगा। राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटक केन्द्रों का संपूर्ण विकास शुरू करने, उनकी वैश्विक पैमाने पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस समय जब दुनिया में भारत पर्यटकों के नए आकर्षक देश के रूप में आगे बढ़ा रहा है तब अंतरिम बजट पर्यटन को बड़े प्रोत्साहन देते हुए दिखाई दे रहा है। देश के पर्यटन केन्द्रों को वहां उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर रेटिंग देने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। इस प्रकार की गतिविधियों का वित्त पोषण करने के लिए राज्यों को मैचिंग के आधार पर ब्याज मुक्त दीर्घावधि ऋण दिया जाएगा। ‘विकसित भारत‘ के लिए राज्यों में सुधार के तहत राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न पड़ावों से जुड़े सुधार के लिए 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्ताव है। ब्लू इकोनॉमी 2.0 के लिए नई जलवायु गतिशील योजना आरंभ की जाएगी डेयरी किसानों की सहायता के लिए व्यापक कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई जाएगी नए मेडिकल कॉलेजों के विभिन्न विभागों में वर्तमान अस्पतालों की बुनियादी सुविधाओं को उपयोग में लाया जाएगा। मौजूदा अस्पतालों की बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण करने और मेडिकल कॉलेज खोलने के बारे में सिफारिश के लिए समिति का गठन किया जाएगा। सरकार माताओं और बच्चों की स्वास्थ की देखभाल के लिए विभिन्न योजनाओं में तालमेल स्थापित करेगी डिजिटल इंडिया पहल को और मजबूती देने के लिए नया यू-विन प्लेटफॉर्म शुरू होगी सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 वर्ष की आयु की बालिकाओं के लिए टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। बेहतर पोषण उपलब्ध कराकर प्रारंभिक बाल्यवस्था देखरेख एवं विकास के लिए ‘सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0’ के अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के उन्नयन में तेजी लाई जाएगी। सरकार किराए के मकानों या झुग्गी-झोपड़ी अथवा चाल और अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग के पात्र लोगों को अपना मकान खरीदने या बनाने में सहायता के लिए योजना का शुभारंभ करेगी। वित्तमंत्री द्वारा अंतरिम बजट में लखपति दीदी के लक्ष्य को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का फैसला किया गया है।
लेकिन नए अंतरिम बजट से ऐसे विभिन्न जरूरतमंद वर्ग जो तत्काल रियायतों की अपेक्षा कर रहे थे, उन्हें अवश्य कुछ निराशा हुई है। इनमें वेतनभोगी (सेलरीड) वर्ग के लाखों छोटे आयकरदाता और मध्यम वर्ग के लोग भी हैं। इन्हें चालू वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में टैक्स संबंधी कोई उपयुक्त राहत नहीं मिली थी। अतएव इस अंतरिम बजट से उन्हें कुछ आयकर राहत अपेक्षा थी। लेकिन ये अपेक्षाएँ पूरी नहीं हुई हैं। न तो कोई आयकर रियायत मिली और न ही आयकर स्लैब मैं कोई बदलाव नहीं हुआ है।
इसके बावजूद वित्तमंत्री सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट स्वागत योग्य है। चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार वित्तीय अनुशासन की दृढ़ता दिखा रहे है। ऐसे में केंद्र को अपने घाटे को चालू वर्ष 2023-25 में जीडीपी के 5.9 फीसदी के लक्ष्य से भी कम 5.8 फीसदी पर सीमित रखना एक बड़ी उपलब्धि है साथ ही वर्ष 2024-25 का लक्ष्य 5.1 फीसदी और 2025-26 में 4.5 फीसदी तक लाने का लक्ष्य भी सराहनीय है। ऐसे में हम उम्मीद करें कि यह अंतरिम बजट आने वाले महीनों में मजबूत आर्थिक सुधार और तेज विकास का आधार बन सकता है। साथ ही 2024 आम चुनाव के बाद पेश किया जाने वाला वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट विकास की नई बुनियाद बन सकेगा। इसके बावजूद भारत को आगामी तीन वर्षों में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था की डगर पर आगे बढ़ाने तथा वर्ष 2047 तक भारत को दुनिया का विकसित देश बनने के सपने को साकार करने में भी मदद भी मिलेगी।