जहाँ स्थगन नहीं वहाँ 27% OBC आरक्षण लागू: मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन 29 जुलाई को सदन में आरक्षण, जातिगत जनगणना, निजी स्कूलों की मनमानी, जल जीवन मिशन में कथित भ्रष्टाचार और जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई जैसे मुद्दे छाए रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम डंके की चोट पर कह रहे हैं कि हम ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देंगे। जहाँ कोर्ट का स्टे नहीं है, वहाँ आरक्षण लागू किया गया है और जहाँ मामला लंबित है, वहाँ सरकार अपना पक्ष रख रही है।”
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह समाज को भड़काने का कार्य कर रही है और जातिगत जनगणना को रोकने का दोष भी उसी पर मढ़ा। उन्होंने कहा, “जातिगत जनगणना को रोकने का पाप तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का था। बाद में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकारें रहीं, लेकिन उन्होंने भी यह काम नहीं किया।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जातिगत जनगणना के पक्ष में बयान दिया है और समयबद्ध आंकड़े जनता के सामने लाने का भरोसा दिलाया है।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
सत्र की शुरुआत से पहले कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में ‘भैंस के आगे बीन’ बजाकर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया।
निजी स्कूलों की निगरानी पर सरकार का बयान
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में निजी स्कूलों पर निगरानी के लिए अधिनियम लागू किया गया है। 8 अगस्त तक सभी स्कूलों को अपनी फीस संरचना पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। जो स्कूल जानकारी नहीं देंगे, उनके खिलाफ कलेक्टर कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने बताया कि अब तक 106 शिकायतों पर कार्रवाई की गई है, फीस वापस कराई गई है और जुर्माना भी लगाया गया है।