मैं क्रिकेट अम्पायर बनना चाहता हूँ । इसकी क्या प्रक्रिया है ? कृपया विस्तृत जानकारी दें ।

क्रिकेट अम्पायर बनने के लिए आपमें सहनशीलता, धैर्य, ईमानदारी एवं निर्णयन क्षमता जैसे गुण होने चाहिए । इस हेतु क्रिकेट की अच्छी जानकारी भी आवश्यक है । व्यावसायिक तौर पर अंपायर बनने हेतु आपको स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी या क्लब लेवल (अंडर-16), अंडर-19 (सिटी), अंडर 19 (जोनल) आदि स्तर पर क्रिकेट का अनुभव होना चाहिए । इसके साथ ही आपको खेल के नियम सीखने की आवश्यकता होती है और स्थानीय क्लब या स्कूल लेवल, जूनियर लेवल आदि मैचों में अंपायरिंग का अनुभव भी जरूरी है । अगर आप स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा पास कर लेते हैं तो स्टेट लेवल मैचों के अम्पायर बनने की योग्यता प्राप्त कर लेने के बाद आप रणजी ट्रॉफी स्तर पर होने वाले अम्पायरिंग लेवल टेस्ट दे सकते हैं । हर राज्य से उम्मीदवार इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं, जो हर 3-5 वर्ष में आवश्यकतानुसार होती है । रणजी ट्रॉफी स्तर पर 5 वर्ष अम्पायरिंग करने के बाद आप आल इंडिया अम्पायरिंग टेस्ट जो बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) द्वारा आयोजित किया जाता है, में शामिल हो सकते हैं । इस स्तर पर पहुँचने में कम से कम 10 से 12 वर्ष लगते हैं । अम्पायरिंग के लिए होने वाली परीक्षा में विवरणात्मक, वैकल्पिक और प्रायोगिक परीक्षा शामिल है । वैकल्पिक परीक्षा में 40 से 50 प्रश्न आते हैं, जिन्हें 45 मिनट में हल करना होता है । इसके बाद सवा दो घंटे की विवरणात्मक परीक्षा होती है, जिसमें 10-12 प्रश्न होते हैं । इसके बाद रणजी पैनल आपके चौकन्नेपन, प्रतिक्रिया समय और धैर्य की प्रायोगिक परीक्षा लेता है । यह परीक्षा पास करने के लिए आपको कम से कम 90 प्रतिशत अंक इस परीक्षा में प्राप्त करने होते हैं । इस तरह अपनी काबिलियत के बल पर आप अंपायरिंग के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ।

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