भारत सरकार इन दिनों सेमीकंडक्टर क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि भारत को चिप निर्माण में आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इसके लिए देशभर में नए-नए सेमीकंडक्टर प्लांट खोले जा रहे हैं।
आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में निम्नलिखित प्रमुख पदों पर भारी मांग होगी:
भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण, असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग, चिप डिजाइन, सिस्टम सर्किट, सॉफ्टवेयर विकास तथा आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्र में लाखों नौकरियाँ पैदा होने की संभावना है।
इससे तकनीशियन, इंजीनियर, प्रोडक्ट डिजाइनर जैसे कुशल प्रोफेशनल्स की भारी मांग होगी।
जो छात्र-छात्राएँ इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, उन्हें निम्नलिखित कोर्सेज में दाखिला लेना चाहिए:
अगर आप पहले से ही इंजीनियरिंग कर रहे हैं तो ऐसे विश्वविद्यालय और संस्थान चुनें जो पूरक कोर्स या सेमीकंडक्टर से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करते हों।
विशेष रूप से B.Tech इन VLSI, या इलेक्ट्रॉनिक्स संबंधित डिप्लोमा कोर्स करने से इस क्षेत्र में बेहतर अवसर मिल सकते हैं।
भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और इसमें करियर बनाना अब भविष्य के लिए एक सशक्त कदम हो सकता है।