बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट 2 अक्टूबर को सार्वजनिक की गई। इसी के साथ बिहार देश में ऐसी गणना कराने वाला पहला राज्य बन गया। इस गणना के साथ राज्य की जनसंख्या का भी आकलन हो गया।
इस रिपोर्ट के अनुसार बिहार में सर्वाधिक (36.01 प्रतिशत) जनसंख्या अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है। 27.12 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ पिछड़ा वर्ग दूसरे पायदान पर है। कुल 13 करोड़, सात लाख 25 हजार तीन सौ 10 की जनसंख्या में इन दोनों वर्गों की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत से भी अधिक हो चुकी है। यह गणना बता रही कि राज्य में जातियों-उप जातियों की संख्या 215 है। इनमें मंगलामुखी भी समाहित हैं। इससे पहले जातियों की गणना के प्रमाणित आंकड़े 1931 के हैं। कुल जनसंख्या में अभी 15.52 प्रतिशत सवर्ण हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या क्रमश. 19.65 और 01.68 प्रतिशत है।