विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल निरंतर बढ़ रहा है। ड्रोन तकनीक आज तकनीकी नवाचार और उद्यमिता का महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है। हाल के वर्षों में सरकार द्वारा ड्रोन नीतियों में कई बदलाव किए गए हैं और इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी व योजनाएं चलाई जा रही हैं जैसे:
इन पहलों के चलते इस क्षेत्र में कुशल प्रोफेशनल्स की भारी मांग बढ़ी है। ड्रोन तकनीक, डिजाइनिंग, निर्माण, कृषि, लॉजिस्टिक्स और हेल्थकेयर आदि में कुशल बनने के लिए युवाओं को तकनीकी और व्यवसायिक स्किल्स की आवश्यकता होती है।
यह एक मल्टी-डिसिप्लिनरी क्षेत्र है जिसमें निम्नलिखित शाखाएं शामिल होती हैं:
12वीं के बाद छात्र निम्नलिखित क्षेत्रों में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं:
पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) से 12वीं उत्तीर्ण छात्र बीटेक (रोबोटिक्स, एयरोनॉटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स) के बाद स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। इन कोर्सों में प्रवेश जेईई मेन के माध्यम से होता है।
इस क्षेत्र में कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने वाले प्रमुख संस्थान हैं:
ड्रोन तकनीक का क्षेत्र स्वरोजगार और स्टार्टअप्स के लिए भी अपार संभावनाएं प्रदान करता है। यह युवाओं के लिए भविष्य का एक शानदार करियर विकल्प है।