22 अक्टूबर को आरबीआई की प्रकाशित ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस साल सितंबर में बेरोजगारी दर अगस्त की 8.1 प्रतिशत से घटकर 7.1 प्रतिशत हो गई और सबसे अच्छी बात है कि ग्रामीण और शहरी दोनों ही जगहों पर बेरोजगारी दरों में कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक संगठित क्षेत्रों में वर्ष 2020 के सितंबर माह के बाद रोजगार की सबसे अच्छी स्थिति दिख रही है। यही वजह है कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) स्कीम के तहत काम मांगने वालों की संख्या में कमी आई है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जून में मनरेगा के तहत तीन करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों ने काम की मांग की थी। इस साल सितंबर में यह संख्या घटकर 1.75 करोड़ के पास आ गई है। बेरोजगारी अधिक रहने पर मनरेगा के तहत काम मांगने वालों की संख्या बढ़ जाती है। तभी इस साल सितंबर में ग्रामीण इलाके में बेरोजगारी की दर 6.2 प्रतिशत के स्तर पर आ गई। हालांकि, शहरी इलाके में भी बेरोजगारी कम हो रही है, लेकिन शहरी इलाके की बेरोजगारी दर गत सितंबर में 8.9 प्रतिशत रही।