स्वस्थ नारी, खुशहाल समाज प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

(योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश प्रथम)

  • मध्यप्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में देश में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान पर है।
  • अब तक 44 लाख से अधिक मध्यप्रदेश की गर्भवती महिलाओं ने योजना का लाभ उठाया। उन्हें 1600 करोड़ रुपये से ज्यादा की सहायता राशि दी गई है।
  • योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की हानि की भरपाई करना और उनके स्वास्थ्य में सुधार लाकर मातृ मृत्युदर में कमी लाना है।
  • गर्भवती महिला को पहले शिशु के जन्म पर 5 हजार रुपए की सहायता दी जाती है।
  • योजना में पहले शिशु के जन्म पर सुरक्षित मातृत्व के लिए 5 हजार रुपए की सहायता राशि तीन क्रमशः किश्तों में दी जाती है।
  • एक हजार रुपए की पहली किश्त आंगनवाड़ी केंद्र पर गर्भावस्था का पंजीयन कराने पर मिलती है।
  • दो हजार रुपए की दूसरी किश्त कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने और गर्भावस्था के 6 माह पूर्ण होने पर और दो हजार रुपए की तीसरी किश्त शिशु के जन्म के पंजीकरण और प्रथम चक्र के टीकाकरण पूर्ण होने पर दी जाती है।
  • यदि दूसरे प्रसव में बेटी हो तो 6000 रुपए मातृ लाभ।

जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम
इस योजना के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में वर्ष 2011 से अब तक 95 लाख गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है। शासकीय स्वास्थ्य सेवाओं में गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध। शासकीय संस्थाओं में प्रसव कराने पर निःशुल्क औषधि, प्रयोगशाला संबंधी सभी जांचें, रक्तदान, भोजन एवं परिवहन की व्यवस्था की जाती है।

गुणवत्तायुक्त मातृ स्वास्थ्य सेवाएँ
गर्भवती महिलाओं को सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण प्रसूति सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित है। मातृ मृत्युदर को कम करने के लिए प्रसव पूर्व जांच की जाती है। समय पर जांच एवं एनीमिया की रोकथाम एवं उपचार किया जाता है। प्रदेश में संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए प्रसव केंद्रों को सभी जरूरी उपकरणों एवं सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। प्रत्येक माह की 9 तारीख को द्वितीय और तृतीय तिमाही वाली गर्भवती महिलाओं की महिला चिकित्सकों द्वारा जांच की जाती है। प्रदेश में 412 स्वास्थ्य संस्थाओं में अभियान निरंतर चल रहा है। सभी गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग, विशेषज्ञों द्वारा परामर्श, प्रयोगशाला जांच और दवाओं का वितरण निःशुल्क किया जा रहा है। इसके लिए आशा कार्यक्रर्ता को हाईरिस्क गर्भवती महिला को जाँच के लिए मातृत्व अभियान क्लिनिक लाने पर 100 रुपए प्रतिविजिट तथा तीन विजिट के 300 रुपए दिए जाते हैं। जिलों के उपस्वास्थ्य केंद्रों तक 19,424 डिजिटल हीमोग्लोबिन मीटर उपलब्ध हैं। अब तक एनीमिया रोकथाम अभियान के अंतर्गत 7.50 लाख गर्भवती महिलाओं की जाँच और उनका उपचार किया गया।

प्रदेश के सभी जिलों में 2052 ऐंबुलेंस की सेवा
जननी एक्सप्रेस सेवा
सभी जिलों में 1002 संजीवनी-108 ऐंबुलेंस सेवा उपलब्ध है, जिसकी मदद से अब तक 80,32,554 मरीजों को उपचार संबंधी सहायता की गई है। इसका संचालन भोपाल स्थित केंद्रीकृत 108 कॉल सेंटर के माध्यम से किया जा रहा है। इस सेवा के अंतर्गत 835 वाहन बेसिक लाइफ सपोर्ट स्तर के तथा 167 वाहन एडवांस लाइफ सपोर्ट के साथ सेवा में उपलब्ध हैं। नगरीय क्षेत्र में 18 मिनट तथा ग्रामीण क्षे,त्र में 25 मिनट में वाहन सेवा उपलब्ध हो जाती है। ऐंबुलेंस बुलाने का टोल फ्री नंबर 108 है।