जेपी मॉर्गन ने 2023 की सूचकांक संचालन समीक्षा के बाद कहा, ‘भारत को जीबीआई-ईएम वैश्विक सूचकांकों और सभी प्रासंगिक डेरिवेटिव बेंचमार्कों (कस्टम सूचकांक सहित) में 28 जून, 2024 से शामिल किया जाएगा।’ इसके लिए कर में कुछ छूट की मांग की गई थी मगर सरकार ने सूचकांक में शामिल होने के लिए विदेशी निवेशकों को कोई छूट नहीं दी है। सूचकांक में शामिल होने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से 10 महीने में पूरी होगी और 31 मार्च, 2025 तक हर महीने 1 फीसदी भारांश जोड़ा जाएगा। इस तरह भारतीय बॉन्ड का भारांश भी चीन की तरह 10 फीसदी हो जाएगा।
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