दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 अक्टूबर 2023 को कहा कि अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करना मानवीय स्वतंत्रता और संविधान के तहत दिए गए अधिकार का ही हिस्सा है। एक दंपती ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर कोर्ट ने संबंधित थानाध्यक्ष को उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने को कहा। विवाह का अधिकार मानवीय स्वतंत्रता और भारतीय संविधान में नागरिकों को प्रदत्त जीवन का अधिकार का एक हिस्सा है। हाईकोर्ट ने कहा कि जब दो वयस्क सहमति से विवाह करने का फैसला करते हैं तो फिर माता-पिता, समाज या सरकार की ओर से किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं की जा सकती है।
अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने को न सिर्फ मानव अधिकारों में रेखांकित किया गया है,बल्कि यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का भी एक अहम हिस्सा है। यह अनुच्छेद नागरिक को उनके जीवन के अधिकार की गारंटी देता है।