NEP: 200 विवि में चार वर्षीय स्नातक डिग्री, नए सिलेबस से होगी पढ़ाई, 1100 संस्थानों में R&D सेल स्थापित यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष आर जोशी ने बताया कि दो सौ विश्वविद्यालयों ने एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम से पढ़ाई, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, अकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट समेत अन्य सुविधाओं को लागू करने की जानकारी यूजीसी को भेज दी है। 200 से अधिक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम और नए सिलेबस से पढ़ाई होगी। इन सभी विश्वविद्यालयों ने एनईपी 2020 की सभी सिफारिशों के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम को मंजूरी दे दी है। देश के सभी विश्वविद्यालयों में बुधवार से शैक्षणिक सत्र 2023-24 शुरू हो गया। खास बात यह है कि 1100 उच्च शिक्षण संस्थानों में रिसर्च को बढ़ावा देने के मकसद से रिसर्च एंड डेवलेपमेंट (R&D) सेल स्थापित किए गए हैं। यहां पर छात्रों को रिसर्च के प्रति जागरूक, जानकारी और मदद दी जाएगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रोफेसर मनीष आर जोशी ने बताया कि दो सौ विश्वविद्यालयों ने एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम से पढ़ाई, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, अकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट समेत अन्य सुविधाओं को लागू करने की जानकारी यूजीसी को भेज दी है। इन सभी विश्वविद्यालयों ने एनईपी 2020 के तहत नया सिलेबस भी तैयार किया है। विश्वविद्यालय अब ऑनर्स और रिसर्च पर विशेष रूप से फोकस करेंगे। रिसर्च वेलनेस सेंटर में अधिक से अधिक छात्रों को जोड़ा जाएगा, ताकि बहुविषयक विषयों को जोड़ सकें। इसके अलावा इन सभी विश्वविद्यालयों में पहले से चल रहा तीन वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम अंतिम बैच तक चलता रहेगा
50% विवि में स्टूडेंट ग्रिवांस सेल गठितप्रोफेसर जोशी ने बताया कि सभी विश्वविद्यालयों में इस सत्र से यूजीसी के शिकायत निवारण विनियम 2023 के तहत स्टूडेंट ग्रिवांस सेल का गठन अनिवार्य किया गया है। लगभग 50 फीसदी विश्वविद्यालयों में इसकी स्थापना हो चुकी है। इसमें 40 केंद्रीय विश्वविद्यालय, करीब 80 डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी और 250 स्टेट यूनिवर्सिटी शामिल हैं। छात्रों की शिकायत पर सुनवाई न होने पर लोकपाल से अपील का भी विकल्प है। छात्रों की फीस, दाखिला, पंजीकरण, माइग्रेशन समेत अन्य शिकायतों का निपटारा किया जाएगा। नए नियमों के तहत छात्रों की शिकायतों का निपटारा यूजीसी नियमों के तहत न करने पर संबंधित विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान के कुलपति और रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है। इसमें 30 दिन के अंदर शिकायतों पर कार्रवाई अनिवार्य है। छात्र सीट छोड़ने पर फीस वापस न करने, सर्टिफिकेट वापस न करने की भी शिकायत कर सकते हैं।
सभी जानकारियां वेबसाइट पर अपलोड करना जरूरीप्रो. जोशी ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को दाखिला, फीस, सीट, प्रोग्राम, सिलेबस, रिसर्च, शिक्षक समेत अन्य जानकारियां अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी अनिवार्य हैं। समय-समय पर उसे अपडेट भी करना होगा। यदि कोई ऐसा नहीं करता है तो जुर्माना, डीबार से लेकर कोर्स बंद करने का भी यूजीसी के पास प्रावधान है। विवि को एंटी रैगिंग को लेकर जानकारियां भी उपलब्ध करवानी जरूरी हैं। छात्रों से भी उनके विश्वविद्यालय और कॉलेज से संबंधित फीडबैक मांगा जा रहा है।
एक करोड़ 10 लाख छात्रों ने एबीसी में किया पंजीकरणएनईपी 2020 के तहत विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और उच्च शिक्षण संस्थानों को अकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) का छात्रों को लाभ देना अनिवार्य कर दिया गया है। अभी तक एक करोड़ 10 लाख छात्रों ने पंजीकरण कर लिया है। इस सुविधा के कारण अब कोई भी छात्र एक विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के बाद दूसरे विश्वविद्यालय में शिफ्ट हो सकता है, क्योंकि पहले की पढ़ाई का सारा क्रेडिट एबीसी की सहायता से दूसरे विश्वविद्यालय में उसकी डिग्री प्रोग्राम में जुड़ जाएगा। वहीं, छात्र 20 फीसदी ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से अपने मनपसंद कोर्स की पढ़ाई भी कर सकेंगे।