ऑक्यूपेशनल थैरेपी (OT) एक उभरता हुआ स्वास्थ सेवा क्षेत्र है जो शारीरिक, मानसिक या विकासात्मक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों को रोज़मर्रा के कार्य स्वतंत्र रूप से करने में मदद करता है। OT थेरेपिस्ट उन व्यक्तियों की मदद करते हैं जो अक्षमताओं, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं या विकासात्मक विकलांगताओं के कारण अपने दैनिक कार्य नहीं कर पाते।
OT थेरेपिस्ट बच्चों के साथ काम करते हैं जो मस्तिष्क पक्षाघात (cerebral palsy) या सीखने में कठिनाइयों से जूझ रहे होते हैं, और उनके लिए व्यक्तिगत योजना बनाते हैं ताकि वे मोटर स्किल्स और सामाजिक कौशल विकसित कर सकें। OT वृद्ध व्यक्तियों के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर उन मरीजों के लिए जो दुर्घटनाओं, स्ट्रोक या सर्जरी से ठीक हो रहे होते हैं। OT थेरेपिस्ट उन्हें मजबूत बनाने, गतिशीलता बढ़ाने और मानसिक कार्यों में सुधार करने के लिए व्यायाम और दैनिक गतिविधियाँ कराते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य में OT उन व्यक्तियों की मदद करता है जो चिंता, अवसाद या अन्य मानसिक समस्याओं से पीड़ित होते हैं, और उन्हें रोज़मर्रा की गतिविधियों में सहायता करता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
OT थेरेपिस्ट बनने के लिए धैर्य और दृढ़ता की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें लंबी अवधि तक मरीजों के साथ काम करना पड़ता है। OT को समस्या सुलझाने की क्षमता, आलोचनात्मक सोच, और मरीजों, उनके देखभालकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ प्रभावी संवाद करने की क्षमता होनी चाहिए।
OT क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपको पहले बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थैरेपी (BOT) कोर्स पूरा करना होता है, जिसमें इंटर्नशिप और अस्पतालों या क्लीनिकों में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी शामिल होता है। इस कोर्स में शारीरिक रचना, मनोविज्ञान, न्यूरोसाइंस और चिकित्सा तकनीकों के विषय होते हैं। यह कोर्स CMC वेल्लोर में भी उपलब्ध है। आप मास्टर ऑफ ऑक्यूपेशनल थैरेपी (MOT) करके इस क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
शैक्षिक योग्यता प्राप्त करने के बाद आपको ऑल इंडिया ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट एसोशिएशन से रजिस्ट्रेशन करना होता है, जो आपको कानूनी रूप से काम करने की अनुमति देता है। इस क्षेत्र में करियर के अच्छे अवसर उपलब्ध हैं।