शोध और नवाचार में करियर का ऊँचा आसमान
-डॉ. जयंतीलाल भंडारी
इन दिनों दुनियाभर में यह रेखांकित हो रहा है कि भारत की नई प्रतिभाशाली पीढ़ी के लिए शोध और नवाचार (रिसर्च एंड इनोवेशन यानी आरएंडडी) के क्षेत्र में करियर के मौके देश ही नहीं दुनिया के कोने-कोने में तेजी से बढ़ रहे हैं। शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में करियर के मौके केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के स्टूडेंट्स के लिए सीमित नहीं है, वरन प्रबंध, वाणिज्य और मानवीय विषयों के स्टूडेंट्स के लिए भी विस्तारित हैं। शोध एवं अनुसंधान में करियर उन लोगों के लिए एकदम उपयुक्त है जो किसी विशेष क्षेत्र में गहराई से अध्ययन करने, अज्ञात क्षेत्रों का अध्ययन करने तथा अध्ययन के क्षेत्र के विकास के लिए अपना कार्य समर्पित करने में रुचि और लक्ष्य रखते हैं।
शोध और नवाचार में भारत की बढ़ती
रैंकिंग से बढ़े मौके
हाल ही में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) द्वारा प्रकाशित ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) 2024 की रैंकिंग में 133 अर्थव्यवस्थाओं में भारत ने 39वाँ स्थान हासिल किया है। यह कोई छोटी बात नहीं है कि जो भारत जीआईआई रैंकिंग में 2015 में 81वें स्थान पर था, अब वह 39वें स्थान पर पहुंच गया है। जीआईआई रैंकिंग में भारत की प्रगति दुनियाभर में रेखांकित हो रही है। इस ऊँची रैंकिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के वाइब्रेंट इनोवेटिव इकोसिस्टम की उपलब्धि बताया है। गौरतलब है कि जीआईआई 2024 के तहत भारत निम्न-मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में पहले स्थान पर है भारत मध्य और दक्षिणी एशिया क्षेत्र की 10 अर्थव्यवस्थाओं में भी पहले स्थान पर है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) क्लस्टर रैंकिंग में चौथे स्थान पर है। भारत के प्रमुख शहर मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई दुनिया के शीर्ष 100 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्लस्टरों में सूचीबद्ध हैं और भारत अमूर्त संपत्ति तीव्रता में वैश्विक स्तर पर सातवें स्थान पर है। जीआईआई 2024 के अनुसार, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, सिंगापुर और यूके दुनिया की सबसे अधिक नवोन्मेषी अर्थव्यवस्थाएं हैं, जबकि चीन, तुर्की, भारत, वियतनाम और फिलीपींस पिछले एक दशक में सबसे तेजी से ऊपर आने वाले देश हैं। यदि हम बौद्धिक सम्पदा, शोध एवं नवाचार से जुड़े अन्य वैश्विक संगठनों की रिपोर्टों को भी देखें तो पाते हैं कि भारत इस क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा हैं। अमेरिकी उद्योग मंडल ‘यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स’ के ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर के द्वारा जारी वैश्विक बौद्धिक संपदा (आईपी) सूचकांक 2024 में भारत दुनिया की 55 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में 42वें स्थान पर है।
कम्प्यूटर, कृषि, शिक्षा सहित विभिन्न
क्षेत्रों के तहत शोध में करियर
निसंदेह शोध एवं नवाचार तथा बौद्धिक सम्पदा की दुनिया में भारत की रैंकिंग यह दर्शा रही है कि भारत इनोवेशन का हब बनता जा रहा है। भारत में शोध एवं नवाचार को बढ़ाने में डिजिटल ढांचे और डिजिटल सुविधाओं की भी अहम भूमिका है। भारत आइटी सेवा निर्यात और वेंचर कैपिटल हासिल करने के मामले में लगातार आगे बढ़ रहा है। प्रबंधन और वाणिज्य तथा विज्ञान और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट तैयार करने में भी भारत दुनिया में सबसे आगे है। भारत के उद्योग-कारोबार तेजी से समय के साथ आधुनिक हो रहे हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक कृषि से संबंधित चुनौतियों के समाधान के लिए भारत ने जिस तरह विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया, उससे भारत कृषि विकास की डगर पर तेजी से आगे बढ़ा है। विगत अगस्त माह में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के खेतों में जाकर जारी की गई 61 फसलों की 109 नई एवं उन्नत किस्मों से कृषि नवाचार का नया अध्याय लिखा गया है। शोध के नए मौके प्रबंध, शिक्षा, वाणिज्य और आईटी क्षेत्र में बढ़ रहे हैं।
सुपर कंप्यूटिंग और ग्लोबल इनहाउस
सेंटरों में वैश्विक अवसर
निश्चित रूप से शोध एवं नवाचार के मद्देनजर भारत ने कारोबारी विशेषज्ञता, रचनात्मकता, राजनीतिक और संचालन से जुड़ी स्थिरता, सरकार की प्रभावशीलता जैसे विविध क्षेत्रों में अच्छे सुधार किए हैं। साथ ही भारत में घरेलू कारोबार में सरलता, विदेशी निवेश, जैसे मानकों में भी बड़ा सुधार दिखाई दिया है। भारत की शोध एवं नवाचार ऊँचाई में अपार ज्ञान पूंजी, स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न, पेटेंट वृद्धि, घरेलू उद्योग विविधीकरण, हाइटेक विनिर्माण और सार्वजनिक और निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए प्रभावी कार्यों के साथ-साथ अटल इनोवेशन मिशन ने भी अहम भूमिका निभाई है। भारत बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत स्वदेश में विकसित लगभग 130 करोड़ रुपये की लागत के तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए। मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार एक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का भी उद्घाटन किया गया है। सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर तैयार किए गए हैं। इन सुपरकंप्यूटरों को अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए पुणे, दिल्ली और कोलकाता में लगाया गया है।
यह बात महत्वपूर्ण है कि बौद्धिक सम्पदा, शोध एवं नवाचार के बहुआयामी लाभ होते हैं। इनके आधार पर किसी देश में विभिन्न देशों के उद्यमी और कारोबारी अपने उद्योग-कारोबार शुरू करने संबंधी निर्णय लेते हैं। पूरी दुनिया के विभिन्न देशों की सरकारें भी ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स को ध्यान में रखकर अपने वैश्विक उद्योग-कारोबार के रिश्तों के लिए नीति बनाने की डगर पर बढ़ती हैं। भारत में इंटरनेट ऑफ थिंग्स, कृत्रिम बुद्धिमता और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में शोध एवं विकास और जबरदस्त स्टार्टअप माहौल के चलते अमेरिका, यूरोप और एशियाई देशों की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ अपने ग्लोबल इन हाउस सेंटर (जीआईसी) तेजी से शुरू करते हुए दिखाई दे रही हैं। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स के तेजी से बढ़ने से भारत में ख्याति प्राप्त वैश्विक फायनेंस और कॉमर्स कंपनियाँ अपने कदम तेजी से बढ़ा रही हैं। पूरी दुनिया में मेड इन इंडिया और ब्रांड इंडिया की चमकीली पहचान बन रही है। इससे भारत में प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ रहा है और रोजगार के चमकीले मौके बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं शोध एवं नवाचार बढ़ने से देश में लगातार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वृद्धि हो रही है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी सितंबर 2024 में 692 अरब डॉलर से अधिक की ऊँचाई पर पहुँच गया है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि सरकार बौद्धिक सम्पदा, शोध एवं नवाचार की अहमियत को समझते हुए इस क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए दिखाई दे रही है। वर्ष 2024-25 के बजट में वित्तमंत्री सीतारमण ने उभरते क्षेत्रों में नवाचार और शोध को प्रोत्साहन देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कोष की स्थापना की है।
शोध एवं नवाचार में करियर कैसे बनाएं?
चाहे आपकी रुचि और दक्षता किसी भी क्षेत्र में हो, सभी क्षेत्रों में आप शोध एवं नवाचार में करियर बना सकते हैं। शोध में करियर बनाना आमतौर पर 12वीं के बाद आपके विचार मंथन से शुरू होता है। शोध से संबंधित विषय में स्नातक डिग्री के बाद स्नातकोत्तर और पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ताओं के लिए जरूरी कदम है। यह ज़रूरी नहीं है कि शोध में करियर हमेशा अकादमिक क्षेत्र में ही हो, यह वैज्ञानिक शोध, वाणिज्यिक और सार्वजनिक क्षेत्र के शोध में भी हो सकता है। इन क्षेत्रों में अकादमिक शोधकर्ता के कौशल और अनुभव की आवश्यकता होती है। शोध एक व्यवस्थित अध्ययन है जिसमें छात्रों को विभिन्न शोध पद्धतियों का उपयोग करके डेटा एकत्र करना, व्यवस्थित करना, विश्लेषण करना और व्याख्या करना होता है। शोध में करियर के लिए अध्ययन के क्षेत्र के प्रति गहन ज्ञान और समर्पण की आवश्यकता होती है। इस क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों के पास एक मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि होनी चाहिए, एक स्नातक, एक मास्टर और एक डॉक्टरेट की डिग्री एक व्यक्ति को इस मार्ग पर चलने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित कर सकती है। बाजार अध्ययन से संबंधित शोध में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों को बड़े व्यापारिक घरानों के तहत इंटर्नशिप करनी लाभप्रद होती है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि देश ही नहीं दुनिया में कई विश्वविद्यालय हैं जो शोध से संबंधित पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं और साथ ही कार्यक्रम पूरा होने के बाद बेहतरीन अनुभव भी प्रदान करते हैं। इन संस्थानों में अध्ययन करते समय छात्रों को बेहतरीन अवसर मिलते हैं।
शोध एवं नवाचार में करियर के बहुआयामी
मौके
निसंदेह शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में करियर के मौके देश ही नहीं दुनिया के विकसित और विकासशील देशों में तेजी से बढ़ रहे हैं। शोध में करियर आपको रोज़गार के विभिन्न क्षेत्रों में ले जा सकता है। ऐसे असीमित क्षेत्र हैं जिनमें शोधकर्ता काम कर सकते हैं। उनके शिक्षण संस्थानों, सरकारी शोध संस्थान, औद्योगिक प्रयोगशालाएँ, कॉर्पोरेट संस्थान, अस्पताल, बीमा कंपनी, निजी कम्पनियाँ और उद्योग प्रमुख हैं। विभिन्न उद्योगों में अनुसंधान एवं विकास से जुड़ी लगभग असीमित प्रकार की नौकरियाँ हैं। इनमें से कुछ सबसे आम नौकरियाँ हैं वैज्ञानिक, विश्लेषक, इंजीनियर, शोधकर्ता, रसायनज्ञ और सॉफ्टवेयर डेवलपर।
शोध एवं नवाचार के करियर के लिए जरूरी
स्किल्स
जो स्टूडेंट्स शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, उनके पास ऐसे व्यक्तिगत कौशल या गुण होने चाहिए जो उन्हें इस क्षेत्र में सफल बनाते हैं। अनुसंधान एवं विकास भूमिका में काम करने के लिए विश्लेषणात्मक कौशल जरूरी है। शोध एवं विकास की भूमिका के लिए अच्छे विश्लेषणात्मक कौशल आवश्यक हैं। किसी चीज़ की बारीकी से विधिपूर्वक जांच करने और फिर उसे समझाने और व्याख्या करने में सक्षम होना इस कार्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। संचार कौशल की विशेष अहमियत है किसी भी शोध एवं विकास भूमिका में लेखन का उच्च मानक होना महत्वपूर्ण है क्योंकि सटीक और विस्तृत जानकारी महत्वपूर्ण है। सहकर्मियों और प्रबंधकों को प्रभावी ढंग से जानकारी संप्रेषित करने में सक्षम होना एक सफल परियोजना और विफलता के बीच का अंतर हो सकता है। इसी तरह, मौखिक कौशल भी उसी कारण से आवश्यक हैं, साथ ही प्रभावी टीमवर्क को सुविधाजनक बनाने में मदद करते हैं। व्यक्तिगत खासियतें भी शोध एवं विकास की भूमिका में काम करने के लिए जरूरी हैं। इसके तहत विवरण पर ध्यान देना और पहल करने की क्षमता बहुत महत्वपूर्ण है।
विकसित भारत की डगर पर तेजी से बढ़ेगा
शोध और नवाचार का करियर आसमान
निश्चित रूप से अब सरकार डब्ल्यूआईपीओ के द्वारा प्रकाशित जीआईआई 2024 के तहत प्राप्त 39वीं रैंकिंग को और ऊंचाई पर पहुँचाने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ेगी। साथ ही देश के उद्योग-कारोबार जगत के द्वारा देश के तेज विकास और आम आदमी के आर्थिक-सामाजिक कल्याण के मद्देनजर दुनिया के विभिन्न विकसित देशों की तरह भारत में भी बौद्धिक समझ, शोध एवं नवाचार पर अधिक धनराशि व्यय करने की डगर पर आगे बढा जाएगा। इससे जहाँ ब्रांड इंडिया और मेड इन इंडिया की वैश्विक स्वीकार्यता सुनिश्चित की जा सकेगी, वहीं स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, कारोबार, ऊर्जा, शिक्षा, रक्षा, संचार, अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों में देश तेजी से आगे बढ़ते हुए दिखाई दे सकेगा। देश को वर्ष 2027 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और वर्ष 2047 तक विकसित देश बनाने के बड़े लक्ष्य को हासिल करने के मद्देनजर सरकार और उद्योग-कारोबार जगत के द्वारा बौद्धिक संपदा, शोध और नवाचार की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा तथा आर्थिक सामाजिक विकास के नए अध्याय लिखने की डगर पर आगे बढ़ा जाएगा। विकास के ऐसे बहुआयामी परिवेश से शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में करियर के मौके छलांगे लगाकर बढ़ते हुए दिखाई देंगे।
आप भी शोध एवं करियर की डगर पर आगे
बढ़ें
निश्चित रूप से यदि आप शोध एवं नवाचार में करियर बनाना चाहते हैं तो इस क्षेत्र के जरूरी स्किल्स पर अपनी रूचि, योग्यता और क्षमता का मूल्यांकन करते हुए अपने उपयुक्त क्षेत्र में मध्यप्रदेश, देश या फिर दुनिया के किसी प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान से उपयुक्त डिग्रियों और उपयुक्त कौशल प्रशिक्षण के बाद करियर की चमकीली डगर पर आगे बढ़ें।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर)
111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)
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पर्यवेक्षक आँगनवाड़ी कार्यकर्ता संयुक्त चयन परीक्षा हेतु परीक्षोपयोगी नोट्स का
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