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अंतरिक्ष विज्ञान में चमकीला करियर

यकीनन चांद-सितारों की दुनिया बचपन से हर किसी को लुभाती है। अंतरिक्ष की दुनिया अपने भीतर तमाम रहस्य समेटे हुए है, जिसके बारे में जानने की उत्सुकता हर इंसान को रहती है। यही कारण है कि अंतरिक्ष विज्ञान (एस्ट्रोनामी) हमेशा से बहुत ही रोचक और रोमांचक विषय रहा है। पिछले कुछ दशकों से अंतरिक्ष के लिए अनवरत अभियान भेजे जाते रहे हैं। अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) तक स्थापित किया गया है, जहां रहकर खगोल विज्ञानी अंतरिक्ष के रहस्यों को उजागर करने के लिए निरंतर शोध कर रहे हैं। इन अभियानों ने बच्चों-किशोरों-युवाओं और दुनिया के ख्यात उद्यमियों व कारोंबारियों की अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान में दिलचस्पी बढ़ाने में मदद की है। यही कारण है कि चाहे आम इंसान हो विज्ञान में रुचि रखने वाले लोग हो या फिर या वर्जिन ग्रुप के संस्थापक रिचर्ड ब्रेनसन अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस या फिर भारतीय मूल की शिरिषा बांदला भी निजी अभियानों के तहत रॉकेट प्लेन से अंतिरक्ष की ओर गए हैं।

अंतरिक्ष विज्ञान में क्या-क्या शामिल है ?

अंतरिक्ष विज्ञान (एस्ट्रोनॉमी) विज्ञान की ही एक शाखा है, जिसके अंतर्गत पृथ्वी से परे करोड़ों ग्रह, उपग्रह, तारे, धूमकेतु, आकाशगंगा एवं अन्य अंतरिक्ष में उपस्थित हेवनली बॉडीज का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा अंतरिक्ष विज्ञान के अंतर्गत उन नियमों एवं प्रभावों का भी अध्ययन किया जाता है, जो इन्हें संचालित करते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान में न केवल हेवनली बॉडीज के इतिहास की गर्त में जाकर देखना होता है, बल्कि उनके भविष्य में विकास की संभावनाओं पर भी पैनी नजर रखनी होती है। पृथ्वी किस आकार की है? अगर पृथ्वी घूमती है तो हमारा घर क्यों नहीं घूमता ? सूर्यग्रहण-चंद्रग्रहण क्या होता है? क्या केवल पृथ्वी पर ही जीवन है ? ऐसे ही सैकड़ों सवालों का हल अंतरिक्ष विज्ञान के अंतर्गत ढूंढ़ा जाता है। अंतरिक्ष विज्ञान में कॅरियर उन हजारों रहस्यों से पर्दा उठाने का अवसर भी होता है, जो अभी तक अनसुलझे हैं।

रहस्यों के संसार में नई खोजों ने बढ़ाए करियर मौके

वर्तमान समय में आधुनिक तकनीक और नए-नए वैज्ञानिक उपकरणों के विकास ने अंतरिक्ष विज्ञान को अध्ययन की एक विशेष शाखा बना दिया है। हालांकि अंतरिक्ष विज्ञान, विज्ञान के अन्य विषयों जितनी ही पुरानी शाखा है। क्योंकि मानव प्राचीन समय से ही तारों और हेवनली बॉडीज की गति पर नजर बनाए हुए है। विज्ञान और टेक्नोलॉजी के आसमान छू रहे विकास ने चाँद, तारों व ग्रहों को करीब से जानने की सहूलियत प्रदान कर दी है। आर्यभट्ट, भास्कर, गेलीलियो और न्यूटन इस क्षेत्र की कुछ महानतम हस्तियाँ हैं, जो आकाश के चमचमाते तारों से किसी भी प्रकार से कम नहीं हैं। अंतरिक्ष विज्ञान में कॅरियर बनाने के लिए सबसे पहले 11वीं कक्षा में गणित विषय समूह लेना होगा। 12वीं गणित समूह से उत्तीर्ण करने के उपरांत आपको बी.एससी. की डिग्री लेनी होगी, जहाँ आपके विषयों में फिजिक्स एवं गणित भी होना जरूरी है। साइंस से स्नातक होने के बाद आप एस्ट्रोनॉमी थ्योरी या एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेशन कोर्स चुन सकते हैं। वहीं मास्टर डिग्री के बाद विशिष्ट कोर्सेज में प्रवेश लिया जा सकता है। यदि आप बारहवीं के बाद इलेक्ट्रिकल/ इलेक्ट्रॉनिक्स/ इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग यानी बी.ई. करते हैं तो आप इंस्ट्रूमेंट एस्ट्रोनॉमी या एक्सपेरिमेंटल एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में चमकीला कॅरियर बना सकते हैं। इसी दिशा में आगे बढऩे पर आगे एस्ट्रोनॉमी में पीएच.डी. भी कर सकते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में देश में प्रमुखतया मास्टर स्तर व पीएच.डी. प्रोग्राम ही विश्वविद्यालयों में सामान्यत: उपलब्ध हैं। एकवर्षीय ज्वाइंट एस्ट्रोनॉमी प्रोग्राम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बंगलुरू चलाती है। यह प्रोग्राम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, रामन रिसर्च इंस्टीट्यूट और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई के साथ मिलकर चलाया जाता है।

अंतरिक्ष विज्ञान में करियर बनाने के लिए जरूरी स्किल्स

चूँकि आकाश में तारों के पैटर्न, उनकी हलचल आदि का अध्ययन करना एक लंबा, बहुत समय लेने वाला एवं पेचीदा काम है, इसलिए धैर्य इस पेशे का पहला व सबसे जरूरी गुण भी है। अगली बेहद जरूरी विशेषता आपका अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासु होना है। पूरे आत्मविश्वास और उत्साह से रहस्यमयी प्रश्नों के उत्तर तलाशने होते हैं। आपमें साइंटिफिक एप्रोच के अलावा प्रोग्रामिंग स्किल भी बेहतरीन होनी जरूरी है।

अंतरिक्ष विज्ञान में करियर के बहुआयामी मौके

अंतरिक्ष विज्ञान में करियर के बहुआयामी मौके हैं। कोर्स करने के उपरांत आप चाहें तो किसी भी रिसर्च इंस्टीट्यूट में बतौर रिसर्च साइंटिस्ट काम कर सकते हैं। आपको भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी रोजगार मिल सकता है। कुछ एक नॉन प्रॉफिट आर्गेनाइजेशन में स्वयं खगोलीय उपकरण बनाने का मौका मिलता है, साथ ही साथ एस्ट्रोनॉमी प्रोजेक्ट में भी काम करने का अवसर मिलता है। अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो आपको देश-विदेश घूमने के बहुत सारे मौके मिलेंगे, क्योंकि सेमिनार व कांफ्रेंस आयोजनों में आए दिन विभिन्न स्थानों पर जाना जो होता है। रिसर्च वर्क समाप्ति के बाद रोजगार के अवसर कहीं अधिक बढ़ जाते हैं। बहुत से सरकारी संस्थानों में एस्ट्रोनॉमर की नियुक्ति की जाती है। यहाँ आपको विभिन्न साइंटिस्ट ग्रेड के पद पर रखा जाता है जहाँ आकर्षक वेतन के अतिरिक्त आपको अन्य लाभ भी मिलते हैं। खगोल भौतिकी, खगोलशास्त्र में उच्‍च उपाधि प्राप्‍त युवाओं के लिए शोध एवं शैक्षणिक विधाओं के अलावा विभिन्न प्रकार के उद्योगों, कंप्‍यूटर, साफ्टवेयर डेवलपमेंट, डाटा साइंस जैसे क्षेत्रों में भी रोजगार की अच्छी संभावनाएं हैं।

अंतरिक्ष विज्ञान में कैसे बनाएं करियर

देश की विभिन्न अंतरिक्ष शोध संस्थाओं और विभिन्न विश्वविद्यालयों में अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध है। आप अपनी रूचि, योग्यता और क्षमता के अनुरूप अंतरिक्ष विज्ञान का अध्यापन कराने वाले किसी उपयुक्त संस्थान का चयन करके इस क्षेत्र में अच्छे करियर की डगर पर आगे बढ़ सकते हैं।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)