BLOG

फुटवियर स्टायलिस्ट बनकर बनाएँ करियर

इसमें कोई दोमत नहीं है कि कोविड-19 के बाद देश और दुनिया में फैशन का नया दौर तेजी से आगे बढ़ा है। इस दौर में ड्रेस की तरह फुटवियर को लेकर भी लोग अब बहुत अधिक जागरूक हो गए हैं। यही कारण है कि एक ओर जहाँ फुटवियर के एक से बढक़र एक डिजाइन बाजार में देखने को मिल रहे हैं, वहीं इन्हें तैयार करने वाले फुटवियर स्टायलिस्टों की माँग भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं कोविड-19 के कारण जब से ई-कॉमर्स मॉडल ने फुटवियर उद्योग में प्रवेश किया है, तब से फुटवियर क्षेत्र में करियर के मौके और तेजी से बढ़े हैं।

दुनिया का दूसरा बड़ा फुटवियर निर्माता देश है भारत

फुटवियर सेक्टर में भारत की नई पीढ़ी के मौके बढ़ने के कई कारण है। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वर्ष 2022 से 2025 के बीच फुटवियर उद्योग 23.75 की दर से विकसित हो रहा है। भारत फुटवियर निर्माण में चीन के बाद दूसरे क्रम पर आता है। दुनिया के करीब 10 फीसदी फुटवियर का उत्पादन भारत में होता है तथा भारत फुटवियर का छठा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। वर्तमान में भारतीय फुटवियर उद्योग तीव्र प्रगति कर रहा है । भारत में लगभग 8 करोड़ जोड़ी जूतों का वार्षिक बाजार है और अब जबकि भारतीय फुटवियर उद्योग फैशन एक्सेसरीज मार्केट के केंद्र में आ गए हैं तो आने वाले दशकों में भारतीय फुटवियर इंडस्ट्री में तीवृ वृद्धि के कयास लगाए जा रहे हैं। इस स्थिति में स्किल्ड फुटवियर स्टायलिस्टों की माँग का भी तेजी से बढऩा तय है।

फुटवियर स्टायलिस्ट बनने के लिए जरूरी स्किल्स

यकीनन फुटवियर उद्योग ने परम्परागत मोची की दुकानों से मॉल्स तक का बहुत लंबा सफर तय किया है और आज ये एक फैशन स्टेटमेंट बन चुके हैं। अपनी इमेज के प्रति जागरूक लोगों की प्राथमिकताओं में आ जाने से फुटवियर की डिजाइनिंग और मार्केटिंग में एक प्रोफेशनल टच की जरूरत सामने आई है और इसके साथ ही सामने आया है खूबसूरती और यूटिलिटी के बैलेन्स का लुभावना फुटवियर स्टायलिंग का करियर। क्वालिटी एवं डिजाइन अब इस क्षेत्र की मुख्य आवश्यकता बन गई है। गौरतलब है कि फुटवियर स्टायलिस्ट विशिष्ट प्रकार के शू डिजाइनर्स होते हैं। फुटवियर स्टायलिस्ट बनने के लिए फैशन में रुचि रखना तथा जूतों के प्रति अनुराग आवश्यक है। फुटवियर स्टाइलिस्ट डिजाइनर के रूप में काम करते हैं। जहाँ टेक्निकल डिजाइनर पैटर्न मेकिंग, कटिंग और डिजाइनिंग का काम करते हैं वहीं फुटवियर स्टाइलिस्ट डिजाइनर फैशन और स्टाइल के लेटेस्ट ट्रेन्ड के अनुसार फुटवियर के यूनिक लुक और स्टाइल अपील पर काम करते हैं। चूंकि फुटवियर स्टायलिंग बेहद सृजनात्मक क्षेत्र है इसलिए इसके लिए ड्राइंग कौशल महत्वपूर्ण होता है। हर उपभोक्ता की आवश्यकता को पहचानना ही फुटवियर क्षेत्र का चैलेंज है। रचनात्मक मानसिकता और कला तथा आवश्यकता के सामंजस्य की क्षमता फुटवियर स्टायलिस्ट के लिए काफी उपयोगी है।

फुटवियर स्टायलिस्ट के लिए विभिन्न रोजगार मौके

फुटवियर स्टायलिंग को सभी डिजाइन करियर्स में सर्वाधिक तकनीकी दर्जा प्रदान किया गया है। इसकी शुरुआत पद्धतियों के रेखांकन की योजना एवं पैमाना, ड्राइंग्स में डिजाइनों के निर्माण के साथ होती है। इसके उपरांत नमूना प्रोटोटाइप्स के सृजन और कार्यशीलता तथा सौंदर्य वृद्धि के लिए कार्य किया जाता है। यह चमड़े, कैनवास, लकड़ी, प्लास्टिक, पटसन, मैटल्स आदि के साथ किया जा सकता है। निर्मित फुटवियर की फिटिंग परफेक्ट होनी चाहिए इसमें बदलाव की कोई संभावना नहीं होती है। इसके साथ ही आरामदायकता, सुरक्षा तथा गुणवत्ता मापदंड भी उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं। फुटवियर स्टायलिस्ट सोल, हील, ट्रिम और स्टाइलिंग से फुटवियर में नई स्टाइलिंग के सृजन में विशेषज्ञ होते हैं। फुटवियर स्टायलिस्ट निम्न बातों का भी जानकर होता है- फैशन, रूझान और बाजार माँग, पैरों की संरचना, जूतों के निर्माण का तकनीकी अनुभव, विनिर्माण और निर्माण अनुभव, जूते बनाने के साँचों हील्स, सोल्स और ट्रिम्स का तकनीकी ज्ञान, चमड़े, कैनवास तथा अन्य सामग्रियाँ। ऐसे में फुटवियर स्टायलिंग के क्षेत्र में तकनीकी, डिजाइनिंग तथा प्रबंधन में रोजगार के चमचमाते अवसर विद्यमान हैं। इस क्षेत्र में जो प्रमुख रोजगार क्षेत्र हैं, वे हैं-फुटवियर स्टायलिस्ट, फुटवियर डिजाइनर, उत्पाद डेवलपर, उत्पाद विकास प्रबंधक, गुणवत्ता नियंत्रक, फुटवियर प्रौद्योगिकीविद, मर्केन्डाइजर, मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव, योजना एग्जिक्यूटिव आदि। आज इस क्षेत्र में रीबॉक, लिबर्टी, एडीडास, नाइके, बाटा, वुडलैंड, लखानी, रेड चीफ और ली कूपर जैसी बड़ी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बहुत अच्छे पैकेज के साथ प्लेसमेंट दिया जा रहा है। यह बात महत्वपूर्ण है कि केंद्र एवं राज्य सरकार की फुटवियर उद्योग प्रोत्साहन योजनाओं के तहत आसान ऋण लेकर बड़े शहरों तक स्वरोजगार के अच्छे मौके प्राप्त किए जा सकते हैं।

फुटवियर स्टायलिंग एवं डिजाइनिंग से संबंधित विभिन्न कोर्स

फुटवियर स्टायलिंग तथा फुटवियर डिजाइनिंग से जुड़े अनेक पाठ्यक्रम मध्यप्रदेश और देश के विभिन्न इंस्टिट्यूशन्स में उपलब्ध हैं। दसवीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र फुटवियर स्टायलिंग से जुड़े लघु अवधि के कोर्स कर सकते हैं। इस प्रकार के कोर्स प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम कहलाते हैं। फुटवियर स्टायलिंग के स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए किसी भी विषय में स्नातक होना आवश्यक है। फुटवियर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम जो कि बी. टैक./ एम. टैक होते हैं, इन पाठ्यक्रमों में विज्ञान विषयों के छात्र प्रवेश ले सकते हैं। बी. टैक. पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु बारहवीं परीक्षा गणित विषय समूह से उत्तीर्ण होना आवश्यक है। एम.टैक. में प्रवेश हेतु बी.टैक. डिग्री आवश्यक है। फुटवियर स्टायलिंग के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। सामान्यत: सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु इंट्रेंस एक्जाम क्लीयर करना जरूरी है। फुटवियर स्टायलिस्ट बनने के लिए आपके पास संगत डिग्री होना आवश्यक है। डिजाइन तथा तकनीकी कौशल के अध्ययन से जुड़ी डिग्री आपको फुटवियर इंडस्ट्री में कार्य करने के लिए आवश्यक व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करेगी। वाणिज्य मंत्रालय के तहत फुटवियर डिजाइन एवं डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, नोएडा इस क्षेत्र में कई कोर्स चला रहा है। जिसकी न्यूनतम योग्यता बारहवीं है। निर्माण क्षेत्र में काम करने के लिए यह पाठ्यक्रम बहुत उपयोगी है। ऐसे में आप अपनी रूचि, योग्यता और क्षमता के आधार पर उपयुक्त कोर्स का चयन करके फुटवियर के क्षेत्र में करियर के अच्छे मौकों को मुठ्ठियों में ले सकते हैं।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)